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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

बॉटनी प्रोफेसर ने डिग्री को किया सार्थक, 120 छात्र करने लगे हैं बागवानी

By प्रीति टौंक

हरियाणा के नारनौल की रहनेवाली, जया भारद्वाज ने अपने बागवानी के शौक को अपना काम बना लिया। आज वह कॉलेज में बॉटनी पढ़ाती हैं और छात्रों को बागवानी करना भी सिखाती हैं।

खेती से जहां मुश्किल था आमदनी बढ़ाना, आज ईको-टूरिज्म से कमा रहे हैं 50 लाख सालाना

By प्रीति टौंक

उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास बसे क्यारी गांव के दो भाई, शेखर और नवीन उपाध्याय ने अपने दोस्त राजेंद्र सती के साथ मिलकर, ईको-टूरिज्म को बनाया अपने रोजगार का ज़रिया। अपने साथ गांववालों को भी दिलाया काम।

उम्र 40 के पार, पर रोज़ 40 किमी साइकिल चलाती हैं ये चार सहेलियां, आप भी लीजिए प्रेरणा

By प्रीति टौंक

मिलिए चंडीगढ़ की इन चार महिलाओं से, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी फिटनेस पर ज्यादा ध्यान देने का फैसला किया और साइकिलिंग करने की सोची। पिछले एक साल से ये तकरीबन हर दिन 30 से 40 किमी साइकिलिंग करती हैं।

न बीज खरीदा, न खाद! 3 एकड़ से कमाती हैं 2 लाख रुपए, 3 हजार को जोड़ा रोजगार से

By प्रीति टौंक

उषा वसावा एक सफल आदिवासी महिला किसान हैं, वह अपनी तीन एकड़ जमीन पर जैविक खेती करके, दो लाख रुपये सालाना मुनाफा कमा रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने जैसी और तीन हजार महिलाओं को भी खेती की ट्रेनिंग देकर रोजगार से जोड़ा है।

घर में मनी प्लांट लगाकर ऐसा सजाया कि आप भी कहेंगे 'घर हो तो ऐसा!'

By प्रीति टौंक

लखनऊ की अंकिता राय, गार्डनिंग और होम डेकॉर ब्लॉगर हैं, जिनके घर में तक़रीबन एक हजार सजावटी पौधे लगे हैं। उनसे सीखिए घर में मनी प्लांट सजाना।

कलमखुश: 80 साल से कपड़ों की कतरन से बना रहे हैं हैंडमेड पेपर, गाँधी जी का था आईडिया

By प्रीति टौंक

गाँधी जी हमेशा स्वदेशी और ईको-फ्रेंडली वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर देते थे, उन्होंने इसी विचार के साथ, अहमदाबाद गाँधी आश्रम में चरखा से सूत बनाने और हैंडमेड पेपर बनाने जैसे काम की शुरुआत की। आगे चलकर यह हैंडमेड पेपर उद्योग कलमखुश बना और आज तक चल रहा है।

गाँव का इको फ्रेंडली स्टार्टअप, पातालकोट के सुकनसी से खरीदिए पत्तों से बनी कटोरियाँ

By प्रीति टौंक

छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) के पातालकोट निवासी, सुकनसी भारती ने अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और पर्यावरण को बचाने के उदेश्य से, पत्तों से कटोरी (दौना) बनाना सीखा। आज वह, आस-पास के गावों और होटलों में अपने दौने बेच रहे हैं।

9 To 9 की IT नौकरी छोड़कर, ऑनलाइन सीखा Mandala Art और शुरू कर दिया अपना बिज़नेस

By प्रीति टौंक

31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।

ई-स्कूटर चलाना चाहते हैं? दिल्ली में अब सिर्फ 950 रुपये/हफ्ते में किराए पर लें EV

By प्रीति टौंक

IIM-कलकत्ता से MBA ग्रेजुएट आशीष अग्रवाल ने, दिल्ली के प्रदूषण को कम करने और बिना ज्यादा पूंजी लगाए, लोगों को EV मुहैया कराने (E Scooter On Rent) के उदेश्य से VA-YU की शुरुआत की है।

एक छोटे-से बदलाव ने बदली किस्मत, आज यह किसान कमा रहा है सालाना 35 लाख रुपये

By प्रीति टौंक

पहले जहां पारंपरिक खेती से घर का गुजारा मुश्किल से चलता था, वहीं आज अपनी मेहनत और कुछ नए प्रयासों की बदौलत लाखों कमा रहे हैं, महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान तुकाराम गुंजल।