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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

कश्मीर के मैथ्स टीचर ने घर पर ही बना दी सोलर कार

By प्रीति टौंक

पुरानी कार को 13 सालों की मेहनत के बाद, एक सोलर कार में बदल, कश्मीर के मैथ्स टीचर बिलाल अहमद रातों-रात कश्मीर सहित पूरे देश में मशहूर हो गए।

बारिश का मौसम सब्जीयां उगाने के लिए होता है सबसे सही, करें इन पांच सब्जियों से शुरुआत

By प्रीति टौंक

गार्डनिंग एक्सपर्ट की मानें, तो बारिश के मौसम में फूल के साथ हर तरह की सब्जियां आसानी से उग जाती हैं। जानें किन सब्जियों को लगा सकते हैं आसानी से।

घर बनाने से पहले ही उगाने लगे थे पौधे, आज फूलों की चादर से ढका रहता है इनका घर

By प्रीति टौंक

हरिद्वार के रहनेवाले सुधीर सैनी ने जब 2018 में अपना खुद का घर बनाया, तब उन्होंने घर को सजाने के लिए कई पौधे पहले ही तैयार कर लिए थे। यही कारण है कि उनका घर आज फूलों की बेल से भरा हुआ है।

IIT के दो छात्रों ने बनाई ऐसी साइकिल, जिसे ट्रॉली बैग बनाकर कहीं भी ले जा सकते हैं आप

By प्रीति टौंक

IIT मुंबई के दो दोस्तों, निशित पारीख और राजकुमार केवट ने एक ऐसी साइकिल डिज़ाइन की है, जिसे आप आराम से फोल्ड कर सकते हैं और समय पड़ने पर इसे एक इलेक्ट्रिक बाइक की तरह इस्तेमाल भी कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इसका साइज़ बाजार में मिलने वाली छोटी फोल्डेबल साइकिल जैसा नहीं है, बल्कि एक आम साइकिल जैसा ही है।

क्यों, सुधा मूर्ति अपनी जमा पूंजी Infosys में लगाने के बाद भी नहीं बनीं इसका हिस्सा

By प्रीति टौंक

43 साल पहले सात दोस्तों ने ज़ीरो से इंफोसिस की शुरुआत की थी, जो आज अरबों की कंपनी बन गई है। पढ़ें, Infosys की शुरुआत की पूरी कहानी।

88 वर्षीया मणि आंटी झड़ते बालों के लिए बनाती हैं हर्बल तेल, जिसने बनाया उन्हें बिज़नेसवुमन

By प्रीति टौंक

60 की उम्र में शुरू किया बिज़नेस और 88 की उम्र में बेंगलुरु की नागमणि Roots & Shoots नाम से हर्बल ऑयल का बिज़नेस चला रही हैं। पढ़िए कैसे उनका बनाया तेल बना उनकी पहचान।

2013 से अब तक देश के 17 राज्यों के हजारों लोगों को मुफ्त में देसी बीज बाँट चुके हैं केदार

By प्रीति टौंक

देसी सब्जियों और फलों का स्वाद, लोगों की थाली में वापस लाने के लिए गुना (मध्यप्रदेश) के रुठियाई गांव में रहनेवाले केदार सैनी ने सैकड़ों बीज इकट्ठा किए हैं, जिन्हे वह मात्र डाक खर्च के साथ देशभर के किसानों तक पंहुचा रहे हैं। अब तक वह देश के 17 राज्यों के हजारों लोगों तक ये बीज पंहुचा चुके हैं।