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कश्मीर के मैथ्स टीचर ने घर पर ही बना दी सोलर कार

solar Car

पुरानी कार को 13 सालों की मेहनत के बाद, एक सोलर कार में बदल, कश्मीर के मैथ्स टीचर बिलाल अहमद रातों-रात कश्मीर सहित पूरे देश में मशहूर हो गए।

हमारे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग काफी तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती डिमांड के साथ कई मोटर कंपनियां अपने-अपने EV मॉडल की कार और बाइक को लॉन्च कर रही हैं। हालांकि,  साल 2009 के दौर में शायद ही कोई होगा, जो प्राकृतिक ऊर्जा के उपयोग से कार चलाने के बारे में सोचता होगा।  

लेकिन कश्मीर की वादियों में मैथ्स पढ़ानेवाले बिलाल अहमद ने उसी दौर में एक EV बनाने के बारे सोच लिया था। 

तक़रीबन 13 साल की मेहनत के बाद, बिलाल ने खुद के घर पर ही एक सोलर कार बनाकर तैयार कर दिया। दूर से उनकी कार के  दरवाजे, खुलने पर आपको ट्रांसफॉर्मर्स मूवी की याद आ जाएगी।  

उनकी यह कार सभी तरह के अधुनिक गैजेट्स से लैस और पूरी तरह से स्वचालित यानी ऑटोमैटिक है। 

उन्होंने अपनी 1998 की निसान माइक्रा कार के बेस मॉडल को इलेक्ट्रिक कार में बदला है। वह कहते हैं, “मुझे इस कार का डिज़ाइन पसंद आया था और मुझे लगा कि यह इस प्रोजेक्ट के लिए बिल्कुल सटीक कार है। लेकिन इस कार में मोटर को गियर से जोड़ना मेरे लिए सबसे कठिन चुनौतियों में से एक था। बाद में मैंने इसमें सोलर पैनल लगाया।”

Bilal ahmad made a solar car
Bilal Ahmad

हर तरह से आधुनिक है यह सोलर कार 

उनकी कार का लगभग पूरा बाहरी भाग काले रंग के सोलर पैनल से कवर किया हुआ है। कार के ये सोलर पैनल किसी भी दिशा के साथ घूम सकते हैं और यह बात इस कार को और खास भी बनाती है। कार एक उच्च किलोवाट मोटर से संचालित होती है और रोड पर एक सामान्य कार जैसी ही चलती है। इस सोलर कार में आराम से पांच लोग बैठ सकते हैं।  

बिलाल ने कार में एक चार्ज होने वाली बैटरी भी लगाई है, इसलिए इसे किसी चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करना भी आसान है। 

बिलाल ने बताया कि कार के सोलर पैनल अधिक धूप की दिशा में अपने आप घूमते हैं। इस विशेषता का कश्मीर जैसी जगहों में अधिक महत्व है, जहां सर्दियों के दौरान बादल छाए रहते है। सामान्य सोलर पैनल ऐसे मौसम में आमतौर पर 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कम काम करते हैं। इसलिए  उन्होंने, मोनोक्रिस्टलाइन सोलर  पैनलों का उपयोग किया है, जो कम धूप में भी अच्छे से काम करते हैं।  

बिलाल ने बताया कि उनकी कार आज के दौर की हर एक आधुनिक सुविधा के साथ तैयार की गई है। इसके बावजूद,  इसकी कीमत बाजार में मिलने वाली इलेक्ट्रिक कार से काफी कम है।  बिलाल कहते हैं अगर इसे ज्यादा संख्या में बनाया जाए, तो इसकी कीमत मात्र छह से आठ लाख के करीब होगी। हालांकि, उन्हें इस कार को बनाने में 15 लाख का खर्च आया, जिसका एक कारण यह था कि उन्होंने इतने सालों में कई तरह के प्रयोगों के साथ इसे बनाया है। 

और भी अविष्कार कर चुके हैं बिलाल 

साल 2009 में कार बनाने से पहले,  बिलाल अहमद ने एलपीजी नियंत्रण सुरक्षा उपकरण बनाया था और उसे पेटेंट भी कराया था। अगर कोई गैस का रेगुलेटर बंद करना भूल जाता है, तो बिलाल का एलपीजी कंट्रोल डिवाइस, गैस को बंद कर देता है। डिवाइस को कहीं से भी फोन के जरिए रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। इस बेहतरीन मशीन को बनाने के बाद, उन्होंने आम जनता के लिए प्राकृतिक साधन से चलने वाली कार विकसित करने के बारे में सोचा। तभी से शुरू हुआ सोलर कार के आविष्कार  का काम। 

पहले बिआल अहमद ने इलेक्ट्रिक कार बनायी और फिर उसे सोलर कार में बदल दिया
Solar Car made by Bilal

बिलाल कहते हैं कि शुरुआत में उन्होंने दिव्यांग लोगों के लिए कार विकसित करने की योजना बनाई थी, जो हाइड्रोजन गैस से चलेगी। लेकिन कुछ महीनों के बुनियादी काम के बाद कुछ आर्थिक दिक्कतों के कारण, उन्हें  प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा।

वह कहते हैं, “मैं हमेशा समाज के लिए कुछ बेहतर करना चाहता था। मैं अक्सर सोचता था कि आधुनिक दौर में आम जनता के लिए परिवहन का कोई सस्ता और सस्टेनेबल साधन होना चाहिए। इस तरह मैंने,  2009 में इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत अपने घर के बैकयार्ड से ही की थी। संसाधनों की कमी कश्मीर की प्रमुख चुनौती  है। इस कार पर काम करते समय, मुझे अक्सर उपकरण खरीदने की चुनौती का सामना करना पड़ता था। स्थानीय बाजारों में कोई प्रोडक्ट खरीदने में मेरा काफी समय और पैसा लग जाता था। इसलिए कई बार मैं पुराने प्रोडक्ट्स ही इस्तेमाल कर लेता था। वहीं, कई बार कुछ चीजें ऑनलाइन मंगवाता था।” बिलाल कहते हैं कि एक बार उन्हें एक सेंसर खरीदने के लिए एक साल से अधिक का समय लगा।

इस तरह गाड़ी के प्रोजेक्ट को डिज़ाइन करने में ही उन्हें सात साल का समय लग गया। वह अक्सर फीडबैक के आधार पर अपनी इस इलेक्ट्रिक कार में छोटे-मोटे बदलाव करते रहते थे। लेकिन आखिरकार, सालों की मेहनत रंग लाई और उनकी बनाई  कार पूरे कश्मीर सहित देशभर में लोकप्रिय हो गई। 

कई राजनेताओं से लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसी प्रमुख हस्तियों ने इस शिक्षक के अभिनव प्रयास की तारीफ़ की है। 

लेकिन अभी भी बिलाल रुके नहीं हैं, वह अभी भी इस कार में कुछ बदलाव करना चाहते हैं, ताकि यह आम इंसान के इस्तेमाल के लिए एक बेहतरीन कार बन जाए।     

संपादनः अर्चना दुबे

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