बारिश का मौसम सब्जीयां उगाने के लिए होता है सबसे सही, करें इन पांच सब्जियों से शुरुआत

july vegetables

गार्डनिंग एक्सपर्ट की मानें, तो बारिश के मौसम में फूल के साथ हर तरह की सब्जियां आसानी से उग जाती हैं। जानें किन सब्जियों को लगा सकते हैं आसानी से।

कटिंग या बीज से किसी भी पौधे को लगाने का सबसे अच्छा समय बारिश का ही होता है। गार्डनिंग एक्सपर्ट स्वेता पांडा की मानें, तो अगर आपने कभी घर पर सब्जियां नहीं उगाईं, तो आप इस मौसम से शुरुआत कर सकते हैं। इस समय कई लोग ठण्ड के मौसम की सब्जियों की तैयारी करने के साथ-साथ कुछ साल भर उगने वाली सब्जियां भी लगाते हैं।

बारिश का पानी पौधों के लिए अमृत जैसा होता है, ऐसे में थोड़ी सी देखभाल के साथ आप अच्छी जैविक सब्जियां उगा सकते हैं। ओडिशा की रहनेवाली स्वेता पांडा सालों से अपने परिवार के लिए घर पर ही सब्जियां उगा रही हैं। आज वह हमें जुलाई में उगने वाली कुछ आसान सब्जियों के बारे में बता रही हैं।  

कैसे करें मिट्टी तैयार? 

यूं तो इस मौसम में हर पौधे का विकास अच्छे से होता है, वहीं आप सही पॉटिंग मिक्स तैयार करें, तो पौधों को सही पोषण भी मिल जाता है। सब्जियों के लिए बेहतरीन मिट्टी तैयार करने के लिए आप 50 प्रतिशत सामान्य मिट्टी, 30 प्रतिशत खाद और 20 प्रतिशत कोकोपीट को मिला लें।  आप इस पॉटिंग मिक्स में तक़रीबन हर एक सब्जी आराम से उगा सकते हैं।  

खाद के लिए आप घर की बनी खाद के साथ वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।  

चलिए जानें इस मौसम में किन सब्जियों को लगाना चाहिए: 

1. टमाटर 

tomato to grow in july month
Tomato Plant

इस मौसम में आप आराम से टमाटर के ढेरों पौधे लगा सकते हैं। इसके पौधे छोटे-छोटे कंटेनर में भी आराम से उग जाते हैं। इसके लिए आपको पहले किसी छोटे गमले में पौधा तैयार करना चाहिए। इन छोटे प्लांटर्स में आप पॉटिंग मिक्स डाल लें और अब इनमें टमाटर के स्लाइस सीधा रख सकते हैं या फिर इनमें से सिर्फ बीज निकालकर भी सीधा लगा सकते हैं। बीज लगाने के बाद, आप ऊपर से हल्की-हल्की मिट्टी भी डाल दें और पानी का छिड़काव कर दें।

पानी नियमित तौर पर दें और अगर आपके गमले की मिट्टी में नमी है, तो आप एक-दो दिन के अंतराल पर भी पानी दे सकते हैं।

वैसे तो सब्ज़ियों के पौधे धूप में ही रखने चाहिए, लेकिन अगर बहुत तेज़ धूप है, तो आप हल्की छाँव में रख सकते हैं और इस मौसम में ध्यान दें कि बारिश का पानी तेज़ धार से पौधे पर ना गिरे।  

जब टमाटर का पौधा थोड़ा बड़ा होने लगे, तो आप घर पर बने माइक्रो-न्यूट्रीएंट का स्प्रे करें। आप फल और सब्जियों के छिल्कों को भी पानी में भिगोकर रख दें और एक-डेढ़ हफ्ते बाद इस पानी को भी आप पौधों पर स्प्रे कर सकते हैं।

एक महीने बाद, जब टमाटर के पौधों पर फूल आना शुरू हो जाएं, तो आप हल्की सी गुड़ाई करके गोबर की या फिर घर पर बनी खाद डाल सकते हैं।

लगभग तीन महीने बाद, आपको टमाटर मिलने शुरू हो जाएंगे और अगले दो-तीन महीने तक आपको फल मिलते रहेंगे।

2. कद्दू 

growing bottle gourd in the month of july

स्वेता कहती हैं कि कद्दू को साल में दो बार आराम से उगा सकते हैं। आप इसे मार्च के महीने में या जुलाई-अगस्त के महीने में आसानी से उगा सकते हैं। 

सबसे पहले आप अच्छी क्वालिटी के कद्दू के बीज ऑनलाइन या पास की नर्सरी से खरीदें।  

बीज को सीडलिंग ट्रे में करीबन दो सेंटीमीटर गहरा गढ्ढा करके लगाएं।  

इन बीजों से  सबसे पहले छोटे पौधे तैयार करें।  

करीबन 7 दिन में इसके बीज अंकुरित हो जाएंगे।  

दो हफ्ते के बाद, जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएंगे फिर आप इसे बड़े गमले में ट्रांसफर कर सकते हैं।  

कद्दू की बेल के लिए आपको 24 इंच वाला बड़ा कंटेनर लेना होगा।  ध्यान रहे एक कंटेनर में एक ही पौधा लगाएं।  

30 दिन में इसमें फूल आने शुरू हो जाएंगे। इस दौरान इसमें नियमित रूप से खाद और पानी देते रहें।  

करीबन 60 दिन में इसमें फल भी आ जाएंगे। 

कद्दू का पौधा लगने के 90 दिन बाद कद्दू हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाएंगे।  

3. तुरई 

growing turai at home in the month of july

स्वेता कहती हैं कि बारिश का मौसम किसी भी बेल वाली सब्जी उगाने  के लिए सबसे अच्छा होता है।  इस समय कोई भी बेल आराम से बढ़ती है। अगर आपके घर में अच्छी जगह है, तो आप तुरई का पौधा आराम से लगा सकते हैं। एक बार लगने पर दो महीने तक इससे तुरई मिलती रहती है। 

तुरई को बीज से तैयार किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के बीज में फंजीसाइड पाउडर लगा कर थोड़ी देर रखें।  

फिर, एक डिस्पोजल ग्लास में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद भर कर, ग्लास में दो-दो बीज लगा दें और हल्का पानी दें। साथ ही, बेहतर सुरक्षा के लिए और बीजों को जल्दी अंकुरित होने के लिए इसे एक प्लास्टिक से ठीक से ढंक दें। चार से पांच दिन में पौधे अंकुरित हो जाएंगे।  15 दिन में पौधा गमले  के लिए तैयार हो जाएगा।  आप एक 15 से 20 इंच के गमले में भी इसे उगा सकते हैं।  

गमले में बढ़ने के बाद, करीबन दो महीने में इसमें फूल आना शुरू हो जाएंगे।  इस समय आप मिट्टी की कुड़ाई करके खाद डालें और करीबन चार महीने में इसमें अच्छी उपज आने लगेगी। 

4. बैंगन 

growing brinjal at home

अलग-अलग वैराइटी के बैंगन को उगाने के लिए यह एक अच्छा मौसम है। आप नर्सरी से इसका पौधा लाकर या अच्छी क्वालिटी के बीज से इसे आराम से उगा सकते हैं। आप इसे एक आठ से दस इंच के गमले में भी उगा सकते हैं। सीधे बड़े गमले में लगाने के बजाय इसे सीडलिंग ट्रे में उगाकर ट्रांसप्लाट करना बेहतर होता है। 

इसके बीज को एक इंच मिट्टी में दबा कर बोएं फिर थोड़ा-थोड़ा पानी डालें। 20 दिन में आपके छोटे पौधे बन जाएंगे, जिसे आप बड़े गमले में डाल सकते हैं। 

पौधे लगाने के बाद, गमलों में पानी दें और अच्छी धूप वाली जगह में रखें। जरूरत के हिसाब से पानी देते रहें,  महीने में दो बार आप जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, नीमखली, सरसोंखली या फल-सब्जियों के छिलकों की खाद भी देते रहें।  पौधे में कभी भी कोई कीट दिखे, तो आप जैविक कीटनाशक  का इस्तेमाल कर सकते हैं। दो महीने में आपके पौधों में पर बैंगन उगने लगेंगे।

5. खीरा 

grow vegetable at home

इस समय  बारिश के कारण तापमान 30 डिग्री के करीब रहता है, इसलिए खीरा लगाने के लिए यह बिल्कुल अच्छा मौसम है। आप चाहें, तो बाजार से लाए खीरे के बीज निकालकर भी इनसे नये पौधे लगा सकते हैं। खीरे के बीज सीधा गमलों में लगाने के लिए आप 15 से 18 इंच का गमला ले सकते हैं। 

पॉटिंग मिक्स गमलों में भरकर, इसमें पानी का छिड़काव करें। मिट्टी को गीला करके, इसमें खीरे के बीज लगा दें। अब फिर से इसमें पानी दें और इसे छांव वाली जगह पर रख दें। लगभग एक हफ्ते में बीज अंकुरित हो जाएंगे। अब आप गमलों को धूप में रखें। 

नियमित तौर पर जरूरत के हिसाब से पानी देते रहें। साथ ही, लगभग एक महीने के बाद से, आप पौधों में जैविक खाद भी डालना शुरू करें। इसके लिए आप गोबर की खाद, नीमखली, सरसों की खली दे सकते हैं। 35 से 40 दिनों में खीरे की बेल में फूल आने लगेंगे और 60 से 70 दिनों में बेल पर लगे खीरे हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाते हैं। बस आप नियमित तौर पर इनकी देखभाल करते रहें।

तो देर किस बात की इस बारिश के मौसम में फूलों के साथ इन सब्जियों को भी ज़रूर उगाएं।  

हैप्पी गार्डनिंग! 

संपादनः अर्चना दुबे

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