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प्रीति टौंक

मूल रूप से झारखंड के धनबाद से आनेवाली, प्रीति ने 'माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी' से पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। ऑल इंडिया रेडियो और डीडी न्यूज़ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली प्रीति को, लेखन के साथ-साथ नयी-नयी जगहों पर घूमने और अपनी चार साल की बेटी के लिए बेकिंग करने का भी शौक है।

500 बुजुर्गों का ख्याल रखने वाला बेटा, पिता की याद में चला रहा फ्री टिफिन सर्विस

By प्रीति टौंक

खेड़ा, गुजरात के रहनेवाले राकेश पंचाल पिछले पांच सालों से अपने शहर के सैकड़ों जरूरतमंद बुजुर्गों की सेवा कर रहे हैं, अपने फ्री टिफिन सर्विस के ज़रिए।

कभी विदेश में करते थे शो आज गुमनामी के अंधरे में खो चुके हैं यह कठपुतली कलाकार

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के कठपुतली कलाकर रमेश रावल ने अपना पूरा जीवन इस कला को संजोने में खर्च कर दिया और अपनी जमा पूनकी लगाकर बनाईं 3000 से अधिक कठपुतलियां।

इंजीनियर के बनाए QR Code लॉकेट की मदद से अपनों से मिल सकेंगे लापता लोग

By प्रीति टौंक

मुंबई के अक्षय रिडलान ने एक ऐसा QR Code वाले लॉकेट का अविष्कार किया है, जो डिमेंशिया और अल्जाइमर से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए काफी फायदेमंद है। गलती से भी अगर वे कहीं खो जाए तो इस लॉकेट की मदद से सुरक्षित घर आ सकते हैं।

रात में कुली, दिन में शिक्षक! अपनी कमाई से चला रहें जरूरतमंद बच्चों के लिए फ्री कोचिंग

By प्रीति टौंक

कुली की नौकरी करने वाले नागेशु पात्रों अच्छे से जानते थे कि आर्थिक मुश्किलों से लड़कर पढ़ाई करना कितना मुश्किल होता है। इसलिए उन्होंने अपने जैसे दूसरे जरूरतमंद बच्चों की मुश्किलें कम करने के लिए खुद के दम पर शुरू की फ्री कोचिंग।

13वें माले पर 5000 तितलियां पाल चुकी हैं मुंबई की प्रियंका, जानना चाहेंगे कैसे?

By प्रीति टौंक

मुंबई जैसे बड़े शहर में प्रकृति से जुड़े रहने के लिए 13वीं मंजिल के फ्लैट में पिछले 10 सालों से तितलियां पाल रही हैं प्रियंका सिंह।

कुमारटुली की पहली महिला मूर्तिकार माला पाल, जिसने रूढ़ियों को तोड़ने की दिखाई हिम्मत

By प्रीति टौंक

कभी महिला होने के कारण मूर्तिकार पिता के वर्कशॉप में भी जाने की अनुमति नहीं थी इनको, आज आने वाली पीढ़ी को मूर्तियां बनाना सीखा रही हैं कोलकाता की पहली मूर्तिकार माला पाल।

कभी खाने के लिए कूड़ा बीनने वाली लिलिमा, आज शेफ बनकर लोगों को परोस रहीं यूरोपियन खाना

By प्रीति टौंक

दिल्ली के एक शानदार यूरोपियन रेस्टोरेंट की शेफ लिलिमा खान कभी सड़क पर रहती थीं और पूरा दिन कचरा बीनकर खाना खाती थीं।

कभी खुद पीड़िता रह चुकी शाहीन, संवार चुकी हैं 50 एसिड अटैक सर्वाइवर्स की जिंदगी

By प्रीति टौंक

दिल्ली की शाहीन मालिक की संस्था एसिड अटैक सर्वाइवर्स का 'अपना घर' है। यह पीड़ित महिलाओं को मानसिक, क़ानूनी और सामाजिक लड़ाई लड़ने में मदद भी कर रहा हैं।