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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

IIT से पढ़े इस शख्स ने खड़ा किया जैविक खेती और प्रोसेसिंग का सफल मॉडल!

By निशा डागर

तथागत बारोड़ किसानों को जैविक खेती का ऐसा मॉडल बता रहे हैं, जिससे कि वह एक एकड़ ज़मीन में 15, 000 रुपये प्रति माह कमा सकें!

लॉकडाउन में नहीं बिक रहे थे कद्दू, तो किसानों ने कर्नाटक में बना लिया आगरा का पेठा!

By निशा डागर

सालों से, तीर्थहल्ली के किसान आगरा के पेठे के लिए अपनी फसल भेजते रहे हैं। लेकिन लॉकडाउन ने इस सिलसिले को रोक दिया। पहली बार यह शहर खुद अपना पेठा बना रहा है!

कम में ज्यादा जीना, बिल्कुल भी नहीं है मुश्किल, सीखिए इन 5 लोगों की जीवनशैली से!

By निशा डागर

चेन्नई की उमा अय्यर अपनी रसोई में सीमित बर्तन रखती हैं तो वहीं अहमदाबाद के मणिकांत गिरी अपने जानने-पहचानने वालों से उपहार में सिर्फ घर का बना खाना लेते हैं!

दिव्यांगता को मात दे बनाई अपनी पहचान, खुद अपने लिए किया स्पेशल स्कूटर का आविष्कार!

By निशा डागर

"15 साल की उम्र तक तो मैं अपनी माँ की पीठ पर ही बैठकर सब जगह जाया करता था। लेकिन मुझे यह अच्छा नहीं लगता था कि मैं हर काम के लिए किसी और पर निर्भर रहूं। इसलिए मैंने खुद को आत्मनिर्भर बनाया।"

शौक को बनाया व्यवसाय, लोगों को स्वादिष्ट चटनियाँ खिला रहीं हैं 'चटनी चाची'!

By निशा डागर

“अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि जिस पल आपके दिल में व्यवसाय का ख्याल आए उसी पल से काम पर लग जाओ।"

#गार्डनगिरी: 'खुद उगाएं, स्वस्थ खाएं': घर की छत को वकील ने बनाया अर्बन जंगल!

By निशा डागर

सुमन ने मात्र 4 महीने पहले पेड़-पौधे लगाए थे और आज उनकी छत तरह-तरह की साग-सब्ज़ियों से भरी पड़ी है!

लकड़ी से बनी सीढ़ियां और सिलाई मशीन से वॉश बेसिन, यह कपल जीता है पूरी तरह सस्टेनेबल लाइफ!

By निशा डागर

"बहुत-सी चीजें हैं जिनके बिना हम जी सकते हैं और लॉकडाउन ने हमें यह सिखा भी दिया है।"

जानिए कैसे अनोखी तकनीकें अपनाकर फसलों का उत्पादन बढ़ा रहे हैं ये किसान!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश में राम अभिलाष पटेल ने धान रोपने की नई गोली विधि ईजाद की है तो वहीं पंजाब के प्रभात सिंह ने लीची की दो किस्मों को साथ बो कर सफलता हासिल की है!

मिर्च की प्रोसेसिंग ने बदली किसानों की ज़िंदगी, लॉकडाउन में भी नहीं रुका काम!

By निशा डागर

पहले किसानों को उनकी ताजा मिर्च का 50 रुपये प्रति किलो तो सूखी मिर्च का 150 रुपये प्रति किलो दाम मिलता था, लेकिन इसी मिर्च के पाउडर का दाम उन्हें 700 रुपये प्रति किलो मिल रहा है।

कनाई लाल दत्त: खुदीराम बोस के बाद देश के लिए फांसी पर चढ़ने वाला आज़ादी का दूसरा सिपाही!

By निशा डागर

कनाई की फांसी के बाद जेल के वार्डन ने उनके प्रोफेसर से कहा था कि यदि कनाई जैसे 100 वीर भी आपके पास हों तो आपको आज़ादी पाने से कोई नहीं रोक सकता!