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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

किसानों से खरीद ग्राहकों के घर तक पहुंचा रहे हैं सब्ज़ियाँ, वह भी बिना किसी कमीशन के!

By निशा डागर

हर दिन सुबह 6 से 10 बजे तक युवाओं की यह टीम लोगों के घरों पर सब्ज़ियाँ पहुंचाती है। पिछले एक महीने में उन्होंने लगभग 115 परिवारों को अपनी सेवाएं दी हैं!

पहाड़ी महिलाओं को प्रोसेसिंग के गुर सिखा, उद्यमी बना रहीं हैं यह फ़ूड साइंटिस्ट!

By निशा डागर

"पहले हमारे घरों में माल्टा और निम्बू काफी खराब हो जाते थे लेकिन अब हमें इन्हें प्रोसेस करके जूस, अचार और स्क्वाश जैसी चीजें बनाना आता है। अब हमारे यहाँ कुछ बेकार नहीं जाता।"

'झाबुआ का गाँधी': जल, जंगल, ज़मीन के लिए शुरू किया जन-अभियान, 600 से ज्यादा गांवों की बदली तस्वीर!

By निशा डागर

साल 2007 में महेश शर्मा ने शिवगंगा संगठन की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य है, 'विकास का जतन!' जल और जंगल के संरक्षण के साथ-साथ यह संगठन यहाँ युवाओं को उद्यमिता का कौशल भी सिखा रहा है!

गीले से लेकर सूखे कचरे के सही प्रबंधन तक, इस व्यक्ति का रहन-सहन है 'कचरा-फ्री'!

By निशा डागर

साल 1998 में कौस्तुभ ताम्हनकर ने 'गार्बेज फ्री लाइफस्टाइल' पर काम करना शुरू किया था। आज उनके यहाँ से किसी भी तरह का कोई कचरा डंपयार्ड या फिर लैंडफिल में नहीं जाता!

असम की बीज लाइब्रेरी, 12 साल में किसान ने सहेजी 270+ चावल की किस्में!

By निशा डागर

मोहान बोरा की 'अन्नपूर्णा लाइब्रेरी' का सिद्धांत है कि बीज बोइए, कुछ फसल में जाने दीजिए और कुछ को सहेजिए ताकि दूसरों को उगाने के लिए दिया जा सके। फिर अन्य किसान चाहें तो कुछ आपको वापस कर सकते हैं और कुछ आगे दूसरे किसानों को दें!

जानिए कैसे लॉकडाउन में प्रोसेसिंग से टमाटर और प्याज को बचा रहे हैं ये गाँववाले!

By निशा डागर

"लॉकडाउन में दो चीजों की कोई कमी नहीं है एक तो समय और दूसरा सूरज। तो हमने सोचा कि क्यों न इन दोनों का उपयोग कुछ भलाई के लिए किया जाए!"

दुर्गा भाभी की सहेली और भगत सिंह की क्रांतिकारी 'दीदी', सुशीला की अनसुनी कहानी!

By निशा डागर

अंग्रेजी सेना में नौकरी करने वाले सुशीला दीदी के पिता ने उन्हें रोकना चाहा था लेकिन उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि घर छूटे तो छूटे लेकिन देश को आज़ादी दिलाए बिना उनके कदम नहीं रुकेंगे!

फोल्डिंग से लेकर इलेक्ट्रिक तक, बांस की इको-फ्रेंडली साइकिल बना रहा है यह शख्स!

By निशा डागर

बांस से साइकिल बनाने के इस हुनर को कैप्टेन पाठक ग्रामीण भारत तक ले जाना चाहते हैं ताकि बांस की खेती करने वाले किसानों और गाँव के युवाओं के लिए आय के साधन बन सकें!

#गार्डनगिरी: बेकार पड़ी प्लास्टिक बोतल में लगाएं टमाटर का उल्टा पौधा!

By निशा डागर

बड़े शहरों में अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों को अंकित 'वर्टीकल गार्डनिंग' करना सिखा रहे हैं, जिससे उन्हें ताजा सब्ज़ियाँ भी मिले और घर में पड़ी बेकार प्लास्टिक की बोतलों का उचित उपयोग भी हो।

कैंटीन से लेकर चप्पल और मसाला फैक्ट्री तक संभाल रही हैं इन गांवों की महिलाएं!

By निशा डागर

कोरोना लॉकडाउन में प्रशासन ने गरीब परिवारों को जो राशन किट वितरित किया, उन्हें इन महिलाओं के गृह उद्योग द्वारा ही तैयार किया गया था!