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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

काकोरी कांड में नहीं था कोई हाथ, फिर भी फाँसी के फंदे पर झूल गया था यह क्रांतिकारी!

By निशा डागर

ठाकुर रोशन सिंह का जन्म शाहजहाँपुर, उत्तर-प्रदेश  के खेड़ा नवादा गाँव में 22 जनवरी, 1892 को एक किसान परिवार में हुआ था। 9 अगस्त 1927 को हुए काकोरी कांड के लिए ब्रिटिश सरकार ने राम प्रसाद 'बिस्मिल', अशफ़ाक उल्ला खान और राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी के साथ-साथ ठाकुर रोशन सिंह को भी फाँसी की सजा दी थी।

5 साल के जिस बाल मज़दूर को कैलाश सत्यार्थी ने बचाया था, आज वह वकील बन लड़ रहा है रेप पीड़ितों के लिए!

By निशा डागर

23 वर्षीय अमर लाल कभी भी वकील बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर पाते यदि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी नहीं होते। आज अमर लाल नोयडा में कानून की पढाई कर रहे हैं। बाल मजदूरी के शिकार, अमर को पांच साल की उम्र में सत्यार्थी के बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के जरिये बचाया गया था।

ट्रेनों के रख-रखाव और मरम्मत में मदद करेगा भारतीय रेलवे का 'उस्ताद'!

By निशा डागर

भारतीय रेलवे के नागपुर डिवीज़न ने एक अनोखा रोबोट तैयार किया है। इस रोबोट के जरिए ट्रेन के निचले हिस्से के न सिर्फ फोटोग्राफ लिए जा सकेंगे बल्कि उसके पूरे हिस्से की जांच भी की जा सकती है। इस रोबोट को 'अंडर गियर सर्विलेंस थ्रू आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस असिस्टेड ड्रॉइड' या 'उस्ताद' (USTAD) नाम दिया है।

हिंदी साहित्य के 'विलियम वर्ड्सवर्थ' सुमित्रानंदन पंत!

By निशा डागर

सुमित्रानंदन पंत का जन्म अल्मोड़ा के कैसोनी गांव (अब उत्तराखंड में) में 20 मई 1900 को हुआ था। हिंदी साहित्य के छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक थे सुमित्रानंदन पंत। हरिवंश राय बच्चन के अच्छे मित्र हुआ करते थे और उन्होंने ही 'अमिताभ बच्चन' का नामकरण भी किया था।

दिल्ली : अपनी जान जोखिम में डाल कर, ऑटो चालक ने माँ-बेटे को डूबने से बचाया!

By निशा डागर

दिल्ली के पवन शाह नामक एक ऑटो ड्राईवर ने हाल ही में, एक महिला और उसके एक साल के बेटे को पानी में डूबने से बचाया। हालांकि, इन दोनों की जान बचाने में पवन खुद तेज बहाव के साथ बह गये। दक्षिण-पूर्व दिल्‍ली के डीएसपी ने बताया कि इस नेक काम के लिए उनका नाम जीवन रक्षक अवॉर्ड के लिए नामित किया जाएगा।

बीना दास : 21 साल की इस क्रांतिकारी की गोलियों ने उड़ा दिए थे अंग्रेज़ों के होश!

By निशा डागर

स्वतंत्रता सेनानी बीना दास का जन्म बंगाल के कृष्णानगर में 24 अगस्त 1911 को प्रसिद्द ब्रह्मसमाजी शिक्षक बेनी माधव दास और समाजसेविका सरला देवी के घर में हुआ था। मात्र 21 साल की उम्र में बीना ने बंगाल के तत्कालीन गवर्नर पर पांच गोलियाँ चलाकर उनकी हत्या का प्रयास किया था।

बाज़ार से प्लास्टिक का नहीं बल्कि खुद बीज बो कर उगाया अपना क्रिसमस ट्री!

By निशा डागर

क्रिसमस डे पर केरल के वायनाड जिले में एक 9वीं कक्षा के छात्र एलन ने कुछ अलग ही तरह का क्रिसमस पेड़ बनाया। उसने एक बड़े बांस के फ्रेम को मिट्टी से अच्छे से ढका और फिर इस मिट्टी में कंगनी (मलयालम में थीना) के बीज बो दिए। जैसे ही ये बीज अंकुरित होंगे, यह एक हरे-भरे क्रिसमस पेड़ की शक्ल ले लेगा।

बाबा आमटे: कुष्ठ रोगियों को नया जीवन दान देने के लिए छोड़ दी करोड़ों की दौलत, बन गये समाज-सेवी!

By निशा डागर

डॉ. मुरलीधर देवीदास आमटे को सभी लोग 'बाबा आमटे' के नाम से जानते हैं। बाबा आमटे भारत के प्रमुख व सम्मानित समाजसेवी थे। उनका जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र स्थित वर्धा जिले में हिंगणघाट गांव में एक ब्राह्मण जागीरदार परिवार में हुआ था। उन्होंने अपना पूरा जीवन कुष्ठ रोगियों व आदिवासियों की सेवा में लगा दिया।

श्रद्धांजलि : 15,000 से भी ज़्यादा बच्चों का सुरक्षित प्रसव करवाने वाली 'जननी अम्मा'!

By निशा डागर

जानी-मानी समाज सेविका और पद्मश्री से सम्मानित सुलागिट्टी नरसम्मा ने 25 दिसंबर 2018 को बंगलुरु में अपनी आखिरी सांस ली। कर्नाटक के एक छोटे-से गांव कृष्णपुरा में अपने जीवनकाल में उन्होंने करीब 15 हजार बच्चों का सुरक्षित प्रसव करवाया था।

पुणे: बस में चोरी हुआ युवक का बटुआ, फ़ूड डिलीवरी बॉय ने की मदद!

By निशा डागर

मुंबई-निवासी पुरुषोत्तम का बटुआ किसी ने पुणे जाते समय बस में चोरी कर लिया था। ऐसे में वे अपने गन्तव्य स्थान जाने के लिए 12 किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर थे। पर इस मुश्किल वक़्त में उनकी मदद की उबर इट्स के साथ खाना डिलीवर करने वाले युवक, ज्ञानेश्वर बोम्बड़े ने।