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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

पुणे: आदिवासी महिलाओं को पुराने कपड़ों से पैड बनाने की ट्रेनिंग दे रहा है यह युवक!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे में 'समाजबंध' नामक एक एनजीओ ने पीरियड्स के दौरान महिलाओं की सुरक्षा व स्वच्छता की दिशा में एक पहल की है। यह संगठन पुराने कपड़ों से सैनिटरी नैपकिन बनाता है और उन्हें आसपास के गांवों में आदिवासी महिलाओं को बाँट देता है। इस संगठन के फाउंडर हैं सचिन आशा सुभाष।

फ्लाइट में पड़ा व्यक्ति को दिल का दौरा, हीरो डॉक्टर ने बचायी जान, जानिए कैसे!

By निशा डागर

महाराष्ट्र में पुणे के एक डॉक्टर, उदय राजपूत ने नागपुर-पुणे की गो एयर फ्लाइट में एक यात्री, जाधव को दिल का दौरा पड़ने पर उसकी जान बचायी। उन्होंने फ्लाइट में ही उन्हें सीपीआर दिया। बी.जे मेडिकल कॉलेज में डॉ. उदय राजपूत सीपीआर सेंटर के हेड हैं।

ठाणे नहीं, रुड़की-पिरान कलियर के बीच चली थी देश की पहली ट्रेन!

By निशा डागर

इतिहास के मुताबिक, भारत में सबसे पहली ट्रेन साल 1853 में मुंबई(तब बॉम्बे) से ठाणे के बीच चलाई गयी थी। लेकिन इतिहास के इस दावे को IIT रुड़की ने चुनौती दी। संस्थान में रखी हुई एक किताब के मुताबिक साल 1851 में चलने वाली पहली रेल एक मालगाड़ी थी जो रुड़की-पिरान कलियर के बीच चली।

आईआरएस अफसर की अनोखी पहल, शादी में मिले 1.25 लाख के तोहफ़े किए एनजीओ को दान!

By निशा डागर

आईआरएस अफसर वी. साई वमसी के लिए सिविल सेवा परीक्षा पास करना देश की सेवा करने का एक तरीका है। साल 2016 में उन्होंने 220वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की। हाल ही में, उन्होंने आकांक्षा नाम के एक एनजीओ को अपनी शादी में मिले लगभग 1.25 लाख रूपये के तोहफ़े दान कर दिए। 

मुंबई: दृष्टिहीन लड़की की बहादुरी, लोकल ट्रेन में छेड़खानी कर रहे युवक को सिखाया सबक!

By निशा डागर

मुंबई में एक 15-वर्षीय दृष्टिहीन लड़की अपने पिता के साथ कल्याण से दादर के लिए लोकल ट्रेन में सफ़र कर रही थी। तभी विशाल बलिराम सिंह नाम का एक लड़का उसे गलत तरीके से छूने लगा। पर इस बहादुर लड़की ने घबराने की बजाय आरोपी को अच्छा सबक सिखाया और पुलिस के हवाले कर दिया।

20 रूपये की यह अनोखी शीशी किसानों को लाखों कमाने में मदद कर रही है, जानिए कैसे!

By निशा डागर

राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार किये गये वेस्ट डीकम्पोज़र से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से किसान खेतों की उर्वरकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही, इसे किचन आदि से निकलने वाले कचरे में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकम्पोज़र की शीशी आपको मात्र 20 रूपये में मिल जाएगी।

वीडियो : कारगिल शहीद कप्तान हनीफ उद्दीन की माँ का आप सबके लिए सन्देश!

By निशा डागर

साल 1999 के कारगिल युद्ध में राजपुताना राइफल्स के कप्तान हनीफ उद्दीन ने अपने सैनिकों की रक्षा करते हुए खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया था। हाल ही में, एक पत्रकार और लेखिका रचना बिष्ट रावत ने हनीफ की माँ हेमा अज़ीज़ के साथ उनकी मुलाकात के बारे में एक फेसबुक पोस्ट साँझा की।

ईमानदारी और इंसानियत की मिसाल पेश करता एक कैब ड्राईवर, पढ़िए ये पोस्ट!

By निशा डागर

बंगलुरु निवासी चंदन पांडेय नाम के एक फेसबुक यूजर ने एक कैब ड्राईवर के बारे में एक पोस्ट साँझा की है। इस पोस्ट को पढ़कर आप एक बार फिर सच्चाई और इंसानियत में विश्वास करने लगेंगे। चंदन ने अपनी पोस्ट में बताया है कि कैसे दिल्ली में उनके साथ हुए एक वाकया ने उनका नजरिया लोगों की अच्छाई के प्रति और भी मजबूत कर दिया है।

असम: स्वर्गीय पिता की याद में 13 लाख खर्च कर कच्चे रास्ते को बदला 'विश्व स्तरीय सड़क' में!

By निशा डागर

असम के डिब्रूगढ़ की एक सड़क पर आप चलेंगे तो लगेगा कि आप कहीं विदेश में हैं। इस सड़क का नाम है हेरम्बा बारदोलोई पथ! इस सड़क का निर्माण करवाया है गौतम बारदोलोई ने और इस सड़क का नाम उनके पिता हेरम्बा बारदोलोई के नाम पर है। हेरम्बा एक सामाजिक कार्यकर्ता थे।

काकोरी कांड का वह वीर जिसे अंगेज़ों ने तय समय से पहले दे दी फाँसी!

By निशा डागर

राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी का जन्म बंगाल के पाबना ज़िले के भड़गा नामक गाँव में 23 जून, 1901 को हुआ था। 9 वर्ष की उम्र में ये बंगाल से बनारस आ गये। एम. ए. की पढ़ाई के दौरान ये क्रांतिकारियों के सम्पर्क में आये और बिस्मिल से जुड़ गये। काकोरी कांड के मुख्य क्रांतिकारियों में एक थे लाहिड़ी।