अक्सर हम अपनी ही परेशानियों में इतने उलझे हुए होते है कि दूसरों की मदद करना तो दूर, हमारा उनकी मुसीबतों पर ध्यान भी नहीं जाता। पर इस स्वार्थी दुनिया की भीड़ में भी ऐसे कई लोग हैं, जो आज भी दूसरों की मदद करने के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं करते। आज की हमारी कहानी के नायक भी ऐसे ही कुछ विरले लोगों में से एक हैं!
जब कभी इंसानियत की बात होगी तो शायद दिल्ली निवासी पवन शाह का ज़िक्र ज़रूर होगा। पवन एक ऑटो चालक थे। 22 दिसंबर 2018 की रोज़, हर दिन की तरह पवन एक सवारी को छोड़ कर लौट रहे थे, कि तभी उन्हें मीठापुर नहर के पुल के रेलिंग पर एक महिला अपने एक साल के बेटे को हाथ में लिए खड़ी दिखाई दी।
पवन को उस महिला की नियत पर संदेह हुआ तो उन्होंने तुरंत अपना ऑटो रोक दिया। लेकिन जब तक पवन उस महिला के पास पहुंचे तब तक उसने अपने बच्चे के साथ पानी में छलांग लगा दी थी।
पवन अपनी जान की परवाह किए बगैर उस महिला को बचाने के लिए पानी में कूद गये। सबसे पहले पवन ने बच्चे का हाथ पकड़कर उसे बचाया। महिला को बचाते हुए पवन समझ गए थे कि वह माँ और बेटे, दोनों को एक साथ नहीं बचा पायेंगे, इसलिए उन्होंने मदद के लिए आवाज़ लगानी शुरू कर दी।
पवन की आवाज़ सुनकर तीन राहगीर – राजवीर, जामिल और संजीव उनकी मदद के लिए आये। इन तीनों ने मिल कर मानव श्रुंखला बनाई और बच्चे को पकड़ लिया।
पर पवन इन दोनों को बचाते-बचाते खुद पानी के तेज बहाव में बह गये। महिला और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। घटना की जानकारी पुलिस को दी गयी , जिसके बाद पवन को तलाशना शुरू किया गया।
पर पवन का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। उम्मीद और प्रार्थना है कि अपनी जान दांव पर लगाकर दो जीवन दान देने वाले पवन सुरक्षित होंगे।
दक्षिण-पूर्व दिल्ली के डीएसपी ने हाल ही में घोषणा की है, कि इस नेक काम के लिए पवन का नाम जीवन रक्षक अवॉर्ड के लिए नामित किया जाएगा।