छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित पुरई गाँव भारत के खेल-गाँव के नाम से मशहूर है। इस गाँव में हर एक घर में आपको खिलाड़ी मिल जायेंगें। पिछले साल ही भारतीय खेल प्राधिकरण ने गाँव के 12 बच्चों को तैराकी के लिए चुना है। इन बच्चों को ओलिम्पिक के लिए तैयार किया जायेगा।
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निशा डागर
बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.
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ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान: भारत रत्न पाने वाला गैर-हिंदुस्तानी, जिसकी हर सांस में भारत बसता था!
By निशा डागर
साल 1987 में ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से नवाज़ा। उनका जन्म 6 फरवरी 1890 को पेशावर (अब पाकिस्तान में है) में हुआ। उन्हें 'सरहदी गाँधी,' 'बाचा ख़ान' और 'बादशाह ख़ान' के नाम से भी जाना जाता है। वे भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो गाँधी जी के साथ अहिंसा के मार्ग पर चले।