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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

पुरुष-प्रधान सोच को चुनौती देती भारत की 'ढोल गर्ल', जहान गीत सिंह!

By निशा डागर

चंडीगढ़ में एक सिख परिवार से ताल्लुक रखने वाली 20 वर्षीय जहान गीत सिंह को भारत की 'ढोल गर्ल' के नाम से भी जाना जाता है। जहान की कहानी सबसे पहले यूके की मैगज़ीन 'टॉम टॉम' में आई थी। पिछले ही साल, चड़ीगढ़ के 'टेड एक्स' इवेंट में जहान ने परफॉर्म किया।

नानी पालकीवाला : वह वकील, जिनकी वजह से आज आपकी बुनियादी ज़रूरते हैं आपके 'मौलिक अधिकार'!

By निशा डागर

नानाभोय 'नानी' अर्देशिर पालकीवाला एक भारतीय जूरिस्ट थे, जिन्होंने संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों के महत्व के बारे में हमेशा चर्चा की। उनका जन्म 16 जनवरी, 1920 को बॉम्बे (अब मुंबई) में एक पारसी परिवार में हुआ था। वे अमेरिका में भारतीय राजदूत के पद पर भी रहे।

#अनुभव : 'भविष्य के लिए बचत करने से बेहतर है कि किसी के आज को संवारा जाए'!

By निशा डागर

बिहार के इस प्राथमिक टीचर ने अपने एक गरीब छात्र की स्कूल पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया। आज उनका वह छात्र एक डॉक्टर है और आज भी वह अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से वक़्त निकाल कर अपने गुरु से मिलने गाँव जरुर आता है।

मुंबई : अपने पूरे दिन की कमाई की परवाह न करते हुए, एक बंदर की जान बचाने को निकल पड़े ये चार ऑटो चालक!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के मुंबई में चार ऑटो रिक्शा चालकों ने एक बन्दर की जान बचायी। इस बन्दर को इलेक्ट्रिक शॉक लगने के कारण बहुत गहरी चोट आई थी। बन्दर को दर्द और तकलीफ में देखकर ऑटो रिक्शा ड्राईवर दिलीप राय आयर उनके तीन दोस्त खुद को उसकी मदद करने से नहीं रोक पाए।

कृष्णा सोबती : बंटवारे के दर्द से जूझती रही जिसकी रूह!

By निशा डागर

साल 2017 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर हिंदी लेखिका, निबंधकार कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को हुआ था। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं- ज़िंदगीनामा, यारों के यार, मित्रो मरजानी, सिक्का बदल गया, आदि। 25 जनवरी 2019 को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

मध्य-प्रदेश: भाई-बहन की इस जोड़ी को मिला बहादुरी पुरस्कार, इनका कारनामा सुन आप हैरान रह जायेंगें!

By निशा डागर

22 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश भर से चुने गये 26 बच्चों को 'प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से नवाज़ा। इन बच्चों में मध्य-प्रदेश के मुरैना जिले से अद्रिका गोयल और उनके भाई कार्तिक गोयल को भी सम्मानित किया गया।

गुजरात के इस गाँव में हो रही है 'सोलर' खेती, न डीज़ल का खर्च और न ही सूखा पड़ने का डर!

By निशा डागर

साल 2016 में गुजरात के खेड़ा जिले में स्थित ढूंडी गाँव में विश्व की पहली 'सौर सिंचाई सहकारी समिति'- ढूंडी सौर ऊर्जा उत्पादक सहकारी मंडली का गठन किया गया है।