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खबरे एक नज़र में

इस मुंबईकर ने भारी बारिश में फंसे लोगों और बेसहारा जानवरों के लिए खोले अपने घर के दरवाज़े!

By निशा डागर

साल 2005 में मुंबई में आई बाढ़ में वे फंस गए थे और उनकी गर्दन तक पानी था। उस स्थिति में उन्हें बस एक मदद की उम्मीद थी कि कोई उन्हें वहां से बाहर निकाले।

स्वास्थ्य मंत्रालय: 'नो बिस्कुट, नो कूकीज' होंगी अब मीटिंग्स; यहाँ खरीदें हेल्दी विकल्प!

By निशा डागर

नेता और अधिकारी अगर एक स्वस्थ और सेहतमंद लाइफस्टाइल अपनायेंगें तो यक़ीनन यह आम नागरिकों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।

जिनकी आवाज़ के सब दीवाने थे, कभी उस 'के. एल सहगल' ने गाना तो क्या बोलना भी छोड़ दिया था!

By निशा डागर

के. एल. सहगल यानी कुंदन लाल सहगल को हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहा जाता है। उनका जन्म 4 अप्रैल 1904 को जम्मू-कश्मीर में हुआ। सहगल एक बेहतरीन गायक होने के साथ-साथ मशहूर एक्टर भी थे। 18 जनवरी 1947 को उनका निधन हुआ।

आज़ादी की लड़ाई में बिछड़ी पत्नी से 72 साल बाद मिले 90 वर्षीय स्वतन्त्रता सेनानी; दिल छू जाने वाला था मंज़र!

By निशा डागर

केरल का एक विवाहित जोड़ा, जो कि साल 1946 में किसान आंदोलन के दौरान एक-दुसरे से बिछुड़ गया था; पुरे 72 साल बाद एक-दूजे से मिला। 90 वर्षीय ए. के. नाम्बियार उस समय केरल के गांव कवुम्बई के किसान आंदोलन में भाग लेने के कारण जेल चले गया और उन्हें उनकी पत्नी शारदा (अब 86 वर्षीय) से बिछड़ना पड़ा था।

विजय पांडुरंग भटकर: वह वैज्ञानिक जिसने बनाया भारत का पहला सुपरकंप्यूटर!

By निशा डागर

भारत में, सी-डैक (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) की शुरुआत पुणे में साल 1988 में हुई, जब अमेरिका और अन्य कुछ देशों ने सुपरकंप्यूटर की तकनीक को भारत जैसे विकासशील देशों में भेजने से मना कर दिया। ऐसे में विजय भटकर के नेतृत्व में भारत ने अपना पहला स्वदेशी सुपरकंप्यूटर बनाया था।

वैदिक संस्कृत से लेकर रवीश कुमार की लप्रेक तक, जानिए 'हिंदी भाषा' की कहानी!

By निशा डागर

भारत में हर साल 14 सितम्बर को 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को एक मत से यह निर्णय लिया कि ‘हिन्दी’ भारत की राजभाषा होगी। हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये सन् 1953 से संपूर्ण भारतवर्ष में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गणेश चतुर्थी पर खाद, गोबर, कागज़ या मिट्टी से बनी बप्पा की मूर्तियाँ घर लायें और पर्यावरण बचाएं!

By निशा डागर

इस गणेश चतुर्थी यदि आप पर्यावरण के अनुकूल गणपति की मूर्ति खरीदना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए हैं। हम आपको एक सात संगठनों के बारे में बता रहे हैं जहां से आप इको-फ्रेंडली गणपति खरीद सकते हैं। इसमें कागज के गणपति से लेकर खाद, गोबर, मिट्टी आदि से बने गणपति के बारे में आप जान सकते हैं।

पुणे के ये युवक हर संभव प्रयास कर बचा रहे हैं वीर शहीदों की विरासत!

By निशा डागर

पुणे के दो युवा संगठन, स्वराज्यचे शिलेदार और रायगड परिवार आस-पास के गांवों में सभी शहीद स्मारक या वीरगलों को फिर से सहेज रहे हैं। समय-समय पर शहीदों की याद में बनवाये गए ये स्मृति स्मारक या फिर पत्थर आज खोते जा रहे हैं। न तो सरकार ही इन पर ध्यान दे रही है और न ही नागरिक।

मिलिए बिहार के गुरु रहमान से, मात्र 11 रूपये में पढ़ाते हैं गरीब छात्रों को!

By निशा डागर

बिहार के अदम्य अदिति गुरुकुल के हजारों छात्रों के लिए, जो सब इंस्पेक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और सीटीओ अधिकारी बन गए हैं, गुरु रहमान वह शिक्षक जिसने उनकी दुनिया बदल दी। डॉ मोतीर रहमान खान ने 1994 में कोचिंग कक्षाएं शुरू की, क्योंकि उन्हें प्यार हो गया था।

केबीसी में काम कर चुकी प्रियंवदा सिंह अब 143 वर्ष पुराने किले में अकेले रहती है; जानिए क्यों!

By निशा डागर

मुंबई में फ्रीलांसर के रूप में काम करने वाली राजस्थान की प्रियंवदा सिंह ने अपनी नौकरी छोड़ अपने पैतृक किले को सँवारने का फैसला किया। वे पिछले कई महीनों से अपने गांव मेजा में रहकर स्थानीय लोगों की मदद से यह कर रही हैं।