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निशा डागर

बातें करने और लिखने की शौक़ीन निशा डागर हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं. निशा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी ग्रेजुएशन और हैदराबाद विश्वविद्यालय से मास्टर्स की है. लेखन के अलावा निशा को 'डेवलपमेंट कम्युनिकेशन' और रिसर्च के क्षेत्र में दिलचस्पी है.

'झाँसी की रानी' को जन-मानस तक पहुँचाने वाली सुभद्रा!

By निशा डागर

16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक एक गाँव में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। राष्ट्रीय चेतना के प्रति सजग इस कवियत्री के काव्य में आपको 'वीर रस' की आभा मिलेगी। उनकी कविता, 'झाँसी की रानी' के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।

लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा : वह भारतीय अफ़सर, जिसकी रणनीति ने दिलाई थी बांग्लादेश को आज़ादी!

By निशा डागर

लेफ्टिनेंट जगजीत सिंह अरोड़ा का नाम उन भारतीय अफ़सरों और सैनिकों की फ़ेहरिस्त में सबसे पहले आता है, जिन्होंने बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ादी दिलवाई। उनके सामने ही पाकिस्तान के तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल नियाज़ी ने अपने 93, 000 सैनिकों के साथ आत्म-समर्पण किया।

क्रिकेट के 'रन मशीन' विराट को तो जानते हैं, अब जानें बास्केटबॉल के 'स्कोर मशीन' खुशी राम को!

By निशा डागर

'बास्केटबॉल का जादूगर' और 'एशिया की स्कोरिंग मशीन' जैसे उपनामों से जाने जाने वाले खुशी राम, मशहूर भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी और कोच थे। अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खुशी राम ने राजस्थान बास्केटबॉल टीम को ट्रेनिंग दी और भारतीय बास्केटबॉल टीम को अजमेर सिंह और हनुमान सिंह जैसे ओलंपियन दिए।

कश्मीर: भारी बर्फ़बारी के बीच भारतीय सेना ने गर्भवती महिला को पहुँचाया अस्पताल!

By निशा डागर

8 फरवरी 2019 को उत्तर-कश्मीर के बांदीपुर जिले में भारतीय सेना ने एक गर्भवती महिला को भारी बर्फ़बारी के बीच उसे अस्पताल पहुँचाया। वे उसे ढाई किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उठाकर लेकर गये और वहाँ से उसे अस्पताल पहुँचाया गया। यहाँ महिला ने जुड़वाँ बच्चियों को जन्म दिया।

वीटी कृष्णमाचारी : भारत के मास्टर प्लानर, जिन्होंने रखी थी 'पंचायती राज' की नींव!

By निशा डागर

4 फरवरी, 1881 को करूर जिले के वंगल गाँव के एक जमींदार के यहाँ जन्में वी. टी कृष्णामाचारी एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी थे। अपने करियर के दौरान उन्होंने कुछ प्रमुख पद संभाले, जैसे कि दीवान ऑफ बड़ौदा और जयपुर राज्य के प्रधान मंत्री। इसके अलावा उन्होंने 'पंचायती राज व्यवस्था' की नींव रखी।

#अनुभव : "चलते-चलते ही मरना है"; क्योंकि जीना इसी का नाम है!

By निशा डागर

ह्युमंस ऑफ़ बॉम्बे (मुंबई) ने एक बुजुर्ग महिला का अनुभव साझा किया है। ये प्यारी-सी दादी पूरे 100 की उम्र पार करने वाली हैं। उन्होंने ज़िन्दगी में बहुत कुछ देखा है और अपने इसी अनुभव से वो सबको कहती हैं कि कुछ भी हो, हमें बस आगे बढ़ते रहना चाहिए, क्योंकि ज़िंदगी कभी नहीं रूकती।

पुणे के इस डॉक्टर ने 350 से भी ज़्यादा ज़रूरतमंद मरीज़ों का किया है मुफ़्त इलाज!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे में स्थित अस्पताल, रूबी हॉल क्लिनिक में एक कार्डिएक सर्जन होने के साथ-साथ डॉ. मनोज दुरैराज, मैरियन कार्डिएक सेंटर एंड रिसर्च फाउंडेशन के हेड भी हैं। यहाँ वे दिल की बिमारियों से पीड़ित मरीज़ों का इलाज मुफ़्त में करते हैं।

हैदराबाद: ऑटो में ही छोड़ गये 10 लाख रुपयों से भरा बैग, ड्राईवर ने सही-सलामत लौटाया!

By निशा डागर

तेलंगाना के हैदराबाद में एक ऑटो ड्राईवर ने ईमानदारी और सच्चाई की मिसाल पेश की है। घटना बीते बुधवार, 6 फरवरी 2019 की है। हैदराबाद के नलगोंडा जिले के आदिवासी इलाके देवारकोंडा के निवासी जे. रामूलु के ऑटो में दो यात्री अपना पैसों से भरा थैला भूल गये थे, जिसे रामूलु ने पूरी ईमानदारी के साथ उन्हें वापिस लौटाया। 

जानकी वल्लभ शास्त्री: एक कथाकार के जीवन की अनकही कहानी!

By निशा डागर

5 फरवरी 1916 में बिहार के मैगरा गाँव में जन्में जानकी वल्लभ शास्त्री को जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' एवं कवयित्री महादेवी वर्मा के बाद छायावाद युग का पांचवा महत्वपूर्ण रचनाकार माना जाता है। उनका पहला गीत 'किसने बाँसुरी बजाई' बहुत लोकप्रिय हुआ था।

एयर होस्टेस की सूझ-बुझ से टला बड़ा हादसा, नवीं मंजिल तक सीढ़ियाँ चढ़कर बुझाई आग!

By निशा डागर

पिछले साल 7 नवम्बर 2018 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुए एक वाकया ने दिखाया कि उनका प्रशिक्षण सिर्फ़ एयरलाइन्स और उड़ान तक ही सीमित नहीं है। बल्कि, जरूरत पड़ने पर यह प्रशिक्षण कहीं भी काम आ सकता है और यह बात जेट एयरवेज़ की एक एयर होस्टेस राधिका अहिरे ने सही साबित की है।