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मोईनुद्दीन चिश्ती

देशभर के 250 से ज्यादा प्रकाशनों में 6500 से ज्यादा लेख लिख चुके चिश्ती 22 सालों से पत्रकारिता में हैं। 2012 से वे कृषि, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर कलम चला रहे हैं। अब तक उनकी 10 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। पर्यावरण संरक्षण पर लिखी उनकी एक पुस्तक का लोकार्पण संसद भवन में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के हाथों हो चुका है।

12वीं पास किसान के बनाए 'ममी-मॉडल' से अब अंतिम संस्कार में लगती हैं 4 गुना कम लकड़ियां!

एक बीघा में 60 टन लकड़ी होती है, इसके हिसाब से स्वर्गारोहण में अग्नि संस्कार करने पर 100 बीघा तक जंगल बचाया जा सकता है।

हरियाणा का यह किसान दुनिया के कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो चुका है सम्मानित!

यह वह दौर जब आर्गेनिक खेती प्रचलन में नही थी। इस शब्द की ईश्वर को भी जानकारी नही थी। उन्होंने तो बस निर्णय कर लिया था कि देशी-तरीकों से खेती करनी है।

11वीं पास किसान ने कर दिए कुछ ऐसे आविष्कार, आज सालाना टर्नओवर हुआ 2 करोड़!

कभी किसी ज़माने में किसानी की समस्या से जूझने वाले अरविंद ने उन समस्याओं के आगे घुटने नहीं टेके, बल्कि उनका समाधान निकालने में जुटे रहें।

हॉलेंड के ट्यूलिप से लेकर महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी तक; 6000 पौधों का खज़ाना है इनके बाग़ में!

रवींद्र के बगीचे में 25 प्रकार के कमल, 250 प्रजातियों के अडेनियम, 250 प्रजातियों के गुलाब, 25 प्रजातियों के बोगनवेलिया सहित 6000 गमलों में 150 से भी ज्यादा प्रकार के प्लांट्स हैं।

देश का पहला चप्पल बैंक चलाते हैं ये युवा; 8000 से ज्यादा गरीब बच्चों को पहनाई चप्पलें!

मानवता ग्रुप का प्रयास रहा है कि जब कोई भी बच्चा बड़ा हो, तब उसके बचपन की स्मृतियों में ये न हो कि उसके पैर गर्मी में धूप में चप्पल न होने की वजह से झुलसे थे, या भरी ठण्ड में बिना चप्पल के उसने दिन गुज़ारे हैं।

10वीं पास किसान का इनोवेशन, एक घंटे में 300 क्विंटल कंपोस्ट टर्न करती है यह मशीन!

जितेंद्र शुरू से किसानों के लिए कुछ खास करना चाहते थे। शुरुआत में उन्होंने मशरूम की खेती की पर उनका मन इनोवेशन करने में था।

2 बीघा खेत पर शुरू की थी जीरे की खेती, आज 60 करोड़ का है टर्न ओवर!

योगेश के घर वाले चाहते थे कि वे सरकारी नौकरी की तैयारी करे लेकिन योगेश ने खेती को चुना और 7 किसानों के साथ मिलकर जीरे की आर्गेनिक खेती शुरू की। आज उनका यह सफर 3000 किसानों के साथ जापान और अमेरिका तक पहुँच चुका है!

कचरे से कमाल कर रहे हैं जयपुर के यह शख्स, अब तक बना चुके हैं 6822 तरह के उत्पाद!

नवल 6822 तरह के उत्पाद बनाते हैं, इनमें 302 से ज्यादा तरह के कुशन कवर हैं। 100 तरह के झोले हैं जो कन्धों पर लटकाए जाते हैं। देश के 28 स्टेट के फोल्डर हैं। 60 तरह के विषयों की चैक बुक कवर भी हैं।

मिलिए 3 साल में 1 लाख किलोमीटर की अकेली यात्रा करने वाली इस महिला यात्री से!

"महिलाओं को सिर्फ साक्षर होने की ज़रुरत है, स्वावलम्बी तो वह खुद हो जाएंगी। अपनी बेटियों को अकेले यात्रा करना सिखाएं, उनमें इतना साहस आ जाएगा कि वे जीवनभर सर उठाकर जी सकेंगी।" - डॉ. कायनात काज़ी

इस कलाकार की थेवा कृति पर जारी हुआ है डाक टिकट, आज है अंतरराष्ट्रीय पहचान!

ग्रेजुएट होने के बावजूद गिरीश कभी अपने दिमाग में सरकारी नौकरी का ख्याल नहीं लाए, वे अपने पूर्वजों की बरसों पुरानी कला को आगे बढ़ाना चाहते थे।