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जिनेन्द्र पारख

जिनेन्द्र पारख ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर से वकालत की पढ़ाई की है। जिनेन्द्र, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर से आते है। इनकी रुचियों में शुमार हैं- समकालीन विषयों को पढ़ना, विश्लेषण लिखना, इतिहास पढ़ना और जीवन के हर हिस्से को सकारात्मक रूप से देखना।

20, 000 छात्रों को शिक्षित करने के साथ गरीबी और तस्करी जैसे मुद्दों पर काम कर रही है 'अलोरण पहल'!

पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार प्रशासन की 'आलोरण पहल' ने तीन महीनों में ही यहाँ के 73 विद्यालयों के लगभग 20, 000 बच्चों की ज़िंदगी में एक बड़ा परिवर्तन ला दिया है। यह एक 'ज़ीरो-कॉस्ट' मॉडल है। जिसमें अधिकारी स्कूलों में जाकर मिड-डे मील की गुणवत्ता, छात्रों की हाजिरी और शिक्षकों की उपस्थिति का मुआयना करते हैं।

ऑटो नहीं, देश को बेहतर बनाने की एक छोटी सी पहल है, दिल्ली के सीताराम जी का ऑटो

दिल्ली के सीताराम जी का स्टाइल बेहद ही अलग और तारीफ़ के काबिल है। दिखने में यह सामान्य ऑटो है, लेकिन इसकी विशेषताएं असाधारण है। सीताराम जी के ऑटो के अपने नियम है, जिसे हर सवारी को पालन करना होता है और ये अनुशासन में बहुत विश्वास रखते है।

हिमाचल प्रदेश : जो गाँववाले अस्पताल तक नहीं पहुँच सकते, उनके घर तक पहुँच रहा है यह मोबाइल अस्पताल!

इस सेवा के अंतर्गत मोबाइल वैन में एक हेल्थ ऑफिसर एवं पैरा मेडिकल वालंटियरस के अलावा नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन तथा वाहन चालक होते हैं, जो लोगों के घर द्वार पहुंचकर न केवल विभिन्न प्रकार के रोगों की निशुल्क जांच करते है बल्कि मौके पर उनका इलाज भी करते है।

छत्तीसगढ़ के युवा आईपीएस आरिफ शेख ने कम्युनिटी पोलिसिंग से बदल दी यहाँ की तस्वीर!

छत्तीसगढ़ के जिले बालोद, बस्तर एवं बिलासपुर में आईपीएस आरिफ शेख द्वारा अनूठी मुहीम के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिणाम देखा गया है। 

200 हफ़्तों में 219 स्पॉट्स : बंच ऑफ फूल्स बना रहे हैं अपने शहर को साफ़ और सुन्दर!

पहले ग्रुप के युवा सदस्यों की टोली शहर के गंदे स्थानों का चयन करती है और फिर इसे साफ़ करने की बाकायदा योजना बनाकर काम शुरू करती हे। रविवार या अन्य छुट्टियों के दिन सुबह छ: बजे से ग्रुप के लोग पूर्वनिश्चित स्थान पर सफ़ाई के लिए पहुँच जाते हैं!

छत्तीसगढ़ : जिमीकंद की खेती कर महिलाओं ने किया 2 करोड़ का व्यवसाय!

छत्तीसगढ़ के राजनांदगाँव जिले में स्वयंसहायता समूह से जुड़ी हज़ारों महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का सहारा बन रहीं हैं।

देश का पहला ऑक्सी रीडिंग ज़ोन छत्तीसगढ़ के रायपुर में - शिक्षा के क्षेत्र में एक बेमिसाल पहल!

ग्राउंड फ्लोर के साथ साथ तीन मंजिला नालंदा परिसर में युथ टावर की सुविधा, ई लाइब्रेरी , रीडिंग ज़ोन, मल्टीमीडिया, किताब घर के साथ साथ वाद-विवाद शाखा भी है ।

इस गाँव की महिलाएं बना रही हैं दो हज़ार वाटर टैंक ताकि आने वाली पीढ़ी को न हो पानी की कमी!

राजनांदगांव ज़िले की महिलाएं 2000 सोख्ता गड्ढे का निर्माण कर रही हैं, जिनमें से एक हज़ार सोख्ता गड्ढे (वाटर बैंक) सफलतापूर्वक बना लिए गए है।