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जिनेन्द्र पारख

जिनेन्द्र पारख ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर से वकालत की पढ़ाई की है। जिनेन्द्र, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर से आते है। इनकी रुचियों में शुमार हैं- समकालीन विषयों को पढ़ना, विश्लेषण लिखना, इतिहास पढ़ना और जीवन के हर हिस्से को सकारात्मक रूप से देखना।

इन महिलाओं ने मिलकर 100 गाँवों के पंडालों से एकत्रित किये फूलों से बनाई अगरबत्तियां!

गणेशोत्सव के दौरान एकत्रित किए गए फूलों से जिले में अब तक 2 लाख रुपए तक की अगरबत्ती बन चुकी हैं।

कलेक्टर की पहल : पथरीले रास्तों से गुज़र, हर घर तक पहुँच सकती है अब बाइ​क एम्बुलेंस!

''अब जब गाँव जाता हूँ तो लोग ख़ुशी-ख़ुशी बताते हैं कि अब हमारा इलाज हो गया है। नवजात शिशु को मेरे पास लेकर आते हैं और कहते हैं कि कैसे संगी एक्सप्रेस के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव आया है। मैं इन गाँव वालों के चेहरों पर खुशी देखता हूँ तो लगता है कि बाइक एम्बुलेंस शुरू करना सबसे बेहतर कदम था।''

पाँच साल में 3500 घायल जानवरों को किया रेस्क्यू; 55 लावारिस कुत्तों को घर में दी शरण!

कस्तूरी और उनकी टीम जानवरों के लिए एक सर्व-सुविधा युक्त अस्पताल और बसेरा बना रही है।

कॉलेज के सिक्यूरिटी गार्ड की बाइक जल जाने पर छात्रों ने पैसे जोड़कर ख़रीद दी नयी बाइक!

2 साल तक अपनी कमाई में से बचत कर उन्होंने यह बाइक ख़रीदी थी, जो मिनटों में बर्बाद हो गई।  

बेटी की शादी से 24 दिन पहले हुए शहीद, मथुरा पुलिस ने 6.20 लाख रूपये इकट्ठा कर कराई शादी

जहाँ एक ओर कुछ पुलिस वालों का रवैया समाज में लोगों के बीच नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, वहीं मथुरा पुलिस का यह कार्य हर सरकारी विभाग के लिए एक सकारात्मक सन्देश है।

सरकारी स्कूल के इस शिक्षक ने पहले खुद अंग्रेज़ी सीखी, फिर अपने छात्रों को सिखाई फर्राटेदार इंग्लिश!

शशि रायगढ़ के डोंगीपानी गांव में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी बोलना, लिखना और पढ़ना सिखाया है और आज स्कूल के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते है।

पाँच दिन तक गली-गली जाकर ढूंढा और लौटाया ऑटो में छूटा हुआ 7 लाख के गहनों से भरा बैग!

वो कहते हैं न अभी भी कुछ लोग गरीबी में जिंदगी जीते हुए भी ईमानदारी की रोटी खाना पसंद करते हैं। तभी तो लाख रुपए मिलने के बाद भी इस ऑटो रिक्‍शा चालक का ईमान नहीं डगमगाया।

छुट्टी के दिन दिहाड़ी मज़दूरों के बच्चों को पढ़ाती है अंकिता, आज अंग्रेज़ी में अव्वल है ये बच्चे!

chattisgarh Girl रायपुर, की अंकिता जैन के प्रयासों पत्रकारिता की पढ़ाई की है और वर्तमान में एक सामाजिक संस्था के लिए काम करती हैंI

छुट्टी के दिन मस्ती नहीं, बेजुबान जानवरों की मदद करते हैं ये बच्चे; पॉकेट मनी भी लुटाते हैं अच्छे कामों में!

संस्था के सभी सदस्य अपने पॉकेट मनी का एक हिस्सा जीव दया, गरीब बच्चों की पढ़ाई और आर्थिक रूप से कमज़ोर मरीजों के इलाज में लगाते हैI