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इस कहानी की दुकान से मुफ्त में सपने खरीदते हैं गाँव के बच्चे, दुकानदार हैं दो दोस्त

अनूप और जैस्मीन वीकेंड में ऑफिस के बाद 13-14 घंटे ड्राइव कर के गुनेहर गाँव तक जाते हैं। वहाँ वे बच्चों को हर वो चीज़ सिखाने की कोशिश करते हैं जो शहर के बच्चे सीखते हैं जैसे एक्टिंग, म्यूज़िक, आर्ट आदि।

पान की पीक से पटी दीवारों को हर रविवार साफ़ कर, खूबसूरत कलाकृतियाँ उकेरती है यह टीम!

By नीरज नय्यर

पिछले सात सालों में एक भी रविवार ऐसा नहीं गया, जब ‘आईक्लीन भोपाल’ की टीम सफाई के लिए सड़कों पर न उतरी हो।

पारंपरिक हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग को बनाया ब्रांड, गोंड कला को दी 'आशा'!

कलाकारों को मजदूर बनते देख रोहित रूसिया ने इस पुरातन कला को संजोने की ठानी और मशीनों के दौर में बुनकरों का सहारा बने।

एक सब्ज़ी, चाहो तो खा लो, चाहो तो सजा लो! बूझो क्या?

By निशा डागर

सीमा प्रसाद ने अब तक 68 ग्रामीण महिलाओं को इस सब्ज़ी से क्राफ्ट बनाने की मुफ्त ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है!

पंजाब की 'फुलकारी' को सहेज रही है यह बेटी, दिया 200 महिलाओं को रोज़गार!

By निशा डागर

एक फुलकारी दुपट्टा तैयार करने के लिए 15 से 20 दिन लग जाते हैं क्योंकि सारा काम हाथ की कढ़ाई का है!

पुणे: कैंसर से लड़ते हुए शहर की 100 दीवारों को बना रहे हैं ख़ूबसूरत!

By तोषिनी राठौड़

पहले शहर की गन्दगी की ओर लोगों का रवैया बेहद उदासीन था, लेकिन उनकी खूबसूरत पेंटिंग्स ने वो कमाल कर दिखाया है कि अब लोग अपनी मर्ज़ी से इन खूबसूरत दीवारों के आसपास साफ़-सफाई रखने लगे हैं।

92 की उम्र में विश्व की सबसे ऊँची मूर्ती बनाने वाले इस भारतीय कलाकार की बनायी मूर्तियाँ 150 देशों की शोभा बढ़ा रहें हैं!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में जन्में राम वंजी सुतार जी विश्व-प्रसिद्द मूर्तिकार हैं। अब तक उन्होंने लगभग 8, 000 छोटी-बड़ी मूर्तियाँ बनाई हैं। हाल ही में, उन्होंने 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' सरदार पटेल की प्रतिमा का निर्माण किया है। यह दुनिया में अब तक की सबसे ऊँची प्रतिमा है।