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भूरी बाई: जिस भारत-भवन के निर्माण में की दिहाड़ी-मजदूरी, वहीं पर बनीं मशहूर चित्रकार!

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश जनजातीय संग्राहलय में कलाकार के पद पर काम करने वाली भील चित्रकर भूरीबाई बरिया आज कला और संस्कृति जगह का प्रसिद्द नाम है। उनकी बनाई पेंटिंग्स मध्य-प्रदेश के संग्रहालय से लेकर अमेरिका तक अपनी छाप छोड़ चुकी हैं। वे भील आदिवासी समुदाय से संबंध रखती हैं और आज अपनी 'पिथोरा चित्रकला' को आगे बढ़ा रही हैं। क

मधुबाला : सिर्फ़ 36 साल की ज़िंदगी की वो सुनहरी यादें!

By सुकांत सुमन

14 फरवरी को हिंदी सिनेमा की सबसे बेहतरीन अभिनेत्री मधुबाला का जन्मदिन भी होता है। वह हीरोइन, जो न केवल अपनी खूबसूरती, बल्कि परदे पर अपनी अविश्वसनीय अदाकारी और प्रभावशाली अभिनय के कारण हिंदी सिनेमा की आइकन मानी जाती है।

कादर ख़ान: क़ब्रिस्तान में डायलॉग प्रैक्टिस करने से लेकर हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार बनने तक का सफर!

By निशा डागर

31 दिसंबर 2018 को लम्बे समय से बीमार चल रहे हिंदी सिनेमा जगत के दिग्गज कलाकार और पटकथा लेखक, कादर ख़ान का निधन हो गया। काफ़ी अरसे से उनका इलाज़ कनाड़ा के एक अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन की खबर से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शोक-ग्रस्त है। महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर कॉमेडी किंग गोविंदा ने उनकी मृत्यु पर शोक जाहिर किया।

अमृता शेरगिल: भारत की पहली बोल्ड, बेबाक और सबसे महँगी पेंटर!

By निशा डागर

अमृता शेरगिल का जन्म 1913 में बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ। उनके पिता उमराव सिंह शेरगिल मजीठिया संस्कृत और पारसी के विद्वान व्यक्ति थे। साल 1921 में भारत आयीं। भारत की पहली बोल्ड, बेबाक, जानदार और सबसे महंगी पेंटर थी अमृता शेरगिल। उनकी पेंटिंग में भारत और यूरोप, दोनों जगह की छवि दिखती है।

वह कथक डांसर, जिसे 16 साल की उम्र में रबिन्द्रनाथ टैगोर ने दिया 'नृत्य सम्राज्ञी' का ख़िताब!

By निशा डागर

Sitara Devi उत्तर-प्रदेश के बनारस में संस्कृत और संगीत के विद्वान पंडित सुखदेव प्रसाद के घर में सितारा देवी का जन्म हुआ। रबिन्द्रनाथ टैगोर

मल्लिका-ए-ग़ज़ल बेगम अख्तर की वो ग़ज़लें जो कभी प्यार बनी कभी दर्द!

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के अवध के फैज़ाबाद में 7 अक्टूबर 1914 को जन्मीं बेगम अख्तर का नाम अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी था। अख़्तरी की माँ मुश्तरी बाई एक तवायफ़ थीं और उनके पिता अश्गर हुसैन एक वकील थे। उन्होंने अलग-अलग उस्तादों से संगीत की शिक्षा ली और मल्लिका-ऐ-ग़ज़ल होने का सम्मान पाया।

गिरिजा देवी : 15 साल में विवाहित, बनारस की एक साधारण गृहणी से 'ठुमरी की रानी' बनने का सफ़र

By निशा डागर

'ठुमरी की रानी' कही जाने वाली गिरिजा देवी का जन्म 8 मई, 1929 को कला और संस्कृति की प्राचीन नगरी वाराणसी (तत्कालीन बनारस) में हुआ था। ठुमरी गायन को संवारकर उसे लोकप्रिय बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है। वे बनारस घराने की गायिका थीं। 24 अक्टूबर 2017 को उन्होंने दुनिया से विदा ली।

89 साल की उम्र में शुरू किया नया व्ययसाय; पुरानी साड़ियों को नया रूप देकर मिली शोहरत!

By निशा डागर

असम के धुबरी में पैदा हुई लतिका की शादी कृष्ण लाल चक्रबर्ती से हुई। कृष्ण लाल सर्वे ऑफ़ इंडिया में एक सर्वेक्षक थे। इसके अलावा लतिका के बेटे कप्तान राज चक्रबर्ती भारतीय नेवी में अफसर हैं। आज वे 89 साल की उम्र में अपनी पुराणी साड़ी व कुर्ते आदि से हैंडबैग व पोटली बनाकर ऑनलाइन बेच रही हैं।

भारतीय शास्त्रीय संगीत की विरासत को सहेज रहे हैं ये आठ विदेशी कलाकार!

By निशा डागर

विदेशी मूल के ये भारतीय शास्त्रीय संगीतकार देश की संगीत विरासत को समृद्ध करने में एक अद्वितीय भूमिका निभा रहे हैं। चोंग शिउ सेन, सास्किया राव-डी हास, शंकर टकर आदि कुछ ऐसे विदेशी कलाकार हैं जिन्होंने दिखाया, कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुन्दरता और समृद्धि की कोई सीमा नहीं।