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IIT से बॉलीवुड तक! ट्यूशन टीचर से एक्टर तक! जीतू भैया उर्फ़ जितेंद्र कुमार की कहानी

By प्रीति टौंक

कैसे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, राजस्थान के जितेंद्र कुमार ने नौकरी छोड़ मुंबई में एक्टिंग करने का सपना देखा और उसे पूरा किया। पढ़ें इस IITian की एक्टर बनने की कहानी।

प्लास्टिक की बेकार बोतलों से गमले, डॉग शेल्टर और शौचालय बनवा रहा है यह 'कबाड़ी' इंजीनियर

By निशा डागर

हरियाणा के हिसार में रहने वाले जतिन शहर के स्कूल-कॉलेज के छात्रों के साथ मिलकर प्लास्टिक वेस्ट के मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं!

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल, जो बच्चे की उम्र के साथ होती है बड़ी

पहले इस साइकिल को पुणे में एक मेले में प्रदर्शित किया गया, लेकिन अब यह अमेज़न पर और प्रेम की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

दिल्ली: मिलिए 16 साल की हर्षिता से, घर से चलाती हैं 'बबल टी' का सफल बिज़नेस

By पूजा दास

शनिवार को हर्षिता अपनी पढ़ाई से छुट्टी लेती हैं और पांच सबसे पॉपुलेर फ्लेवर में बबल टी बनाती हैं। प्रति सप्ताह उन्हें लगभग 25-30 ऑर्डर मिलते हैं। हर्षिता को उम्मीद है कि कोरोनावायरस की स्थिति ठीक होने के बाद वह इस साल के अंत तक करीब 400 ऑर्डर और प्राप्त कर सकती हैं, जिससे उन्हें करीब 80 हज़ार का मुनाफा हो सकता है। 

अपनी फ्रूट कंपनी की मदद से बागवानों को उनके सेब का उचित दाम दिलवा रहे हैं 18 वर्षीय नैतिक!

By रोहित पराशर

लोगों की सेवा करने के लिए नैतिक एक सिविल सर्वेंट बनना चाहते हैं इसलिए जब सेब मंडी में कारोबार नहीं होता है वह यूपीएससी की कोचिंग भी लेते हैं।

आईआईटियन का आईडिया: ई-वेस्ट से बना देते हैं नया सोफा, फ्रिज और वॉशिंग मशीन; कई कारीगरों को मिला रोज़गार!

By तोषिनी राठौड़

आईआईटी खड़कपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद हर्ष ने बेंगलुरु में नौकरी की शुरुआत की थी!

नौकरी के साथ-साथ चलाते हैं रोटी बैंक; भोपाल के इन युवाओं की वजह से भूखे पेट नहीं सोता अब कोई यहाँ!

By नीरज नय्यर

शुरुआत में जब उन्होंने आसपास के लोगों से बचा हुआ खाना माँगा तो सभी खुशी-खुशी इसके लिए तैयार हो गए। किसी ने कभी कोई एतराज नहीं जताया, उल्टा जो समाज के लिए कुछ करना चाहते थे वे भी उनके साथ हो गए।

पगड़ी को पट्टी की तरह इस्तेमाल कर बचायी जान; वाकई इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता!

By निशा डागर

जम्मू-कश्मीर में त्राल तहसील के देवर गाँव के निवासी, मंजीत ने एक सड़क दुर्घटना में खून से लथपथ औरत की जान बचाने के लिए अपनी पगड़ी उतारकर उसे पट्टी की तरह इस्तेमाल किया ताकि उस औरत का खून और ज्यादा ना बहे। अवंतीपोरा में एक 45 वर्षीय औरत को तेज रफ़्तार से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी।

मंदिर से इकट्ठा होने वाले फूलों को जैविक खाद में बदल रहे हैं अहमदाबाद के ये दो इंजीनियर!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले दो इंजीनियर अर्जुन ठक्कर और यश भट्ट पिछले दो सालों से अपनी पहल 'ब्रूक एंड ब्लूम' के जरिये मंदिरों से इकट्ठा होने वाले फूलों से जैविक खाद बना रहे हैं। इनकी यह पहल अहमदाबाद नगर निगम के 'कलश प्रोजेक्ट' से जुडी हुई है।