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मुंबई के डॉ. विनी मेहता पेशे से डेंटिस्ट और पैशन से एक गार्डनर हैं। वह खुद अपना सुरक्षित और पौष्टिक खाना उगाना चाहती हैं। लेकिन मुंबई में लोगों के सपने जितने बड़े होते हैं, उससे कम जगह में वे जीते हैं। ऐसा ही कुछ डॉ. मेहता के साथ भी है। उन्होंने बचपन से ही अपनी माँ को पेड़-पौधे लगाने की कोशिशों में जुटे देखा। लेकिन चारों तरफ से सिर्फ इमारतों से घिरे उनके फ्लैट में धूप न आने की वजह से पेड़-पौधे उगाने की कोशिशें कभी सफल नहीं हो पाई।
जैसे-जैसे विनी आगे बढ़ीं, उनके जीवन में ऐसी घटनाएँ हुई कि एक वक़्त के बाद उनके दिल में भी खुद अपना खाना उगाने की ख्वाहिश बढ़ने लगी।
विनी ने द बेटर इंडिया को बताया, "एक बार जब मैं मुंबई लोकल में सफ़र कर रही थी, मैंने देखा कि कुछ लोग रेलवे ट्रैक्स से पालक तोड़ रहे हैं! मैंने तुरंत इस बारे में रिसर्च किया और मुझे पता चला कि सर्दियों में हम मुंबईकर जो हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाते हैं, वह ज़्यादातर इन इलाकों से आती हैं और बहुत बार इन्हें सीवेज के पानी से उगाया जाता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि पोषण से भरपूर पालक को ऐसी जगहों पर भी उगाया जाता है। उसी समय मैंने ठान लिया कि अब मैं ऑर्गनिक सब्जियों की तरफ रुख करूँगी।"
लेकिन विनी के मुताबिक ऑर्गनिक इंडस्ट्री में भी कई समस्याएं हैं और इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न वह खुद सब्ज़ियाँ उगाएं? हालांकि, उनकी माँ की तरह उनके प्रयास भी विफल रहे। उन्होंने ट्राई करना तो छोड़ दिया लेकिन गार्डनिंग से जुडी वीडियो और पोस्ट आदि वह लगातार देखती रहीं। अपने कजिन और कुछ दोस्तों द्वारा प्रेरित करने पर उन्होंने फिर एक बार गार्डनिंग में हाथ आज़माने की सोची।
"उस समय, हमारी बिल्डिंग की एक और महिला ने बिल्डिंग की छत पर पेड़-पौधे लगाने की अनुमति ले ली थी। इससे मुझे भी हौसला मिला और मैंने भी अपनी टेरेस गार्डनिंग शुरू की," उन्होंने बताया।
विनी ने अपनी शुरूआत चेरी टमाटर, तुलसी, जैलेपिनो और मिर्च जैसे पेड़-पौधों से की। जब उन्होंने यह सब शुरू किया तो बहुत से लोगों ने उनका मजाक बनाया और कहा, ‘तुम जितना उगा रही हो, उससे वैसे भी तुम्हारे यहाँ आपूर्ति नहीं होने वाली है। ज़्यादातर सब्ज़ियाँ तो तुम्हे बाज़ार से ही लेनी पड़ेंगी।’
"उनकी बात सही भी थी क्योंकि मैं एक संयुक्त परिवार में रहती हूँ और हम 11 सदस्य हैं। हमारी आपूर्ति के लिए हमें किसी फार्म में सब्ज़ियाँ उगानी होंगी। लेकिन ये बातें मेरा हौसला नहीं तोड़ पायीं। मैंने तय किया कि मैं इतना तो उगा सकती हूँ कि मुझे कुछ चीज़ों के लिए बाहर न जाना पड़े," उन्होंने कहा।
आज विनी के गार्डन में चेरी टमाटर के साथ 6 तरह की तुलसी, 8 किस्म की मिर्च और पैपर हैं। वह अब खीरा और ज़ूकिनी भी उगा रही हैं और साथ ही, माइक्रोग्रीन्स में उन्होंने अपना हाथ आजमाया है। माइक्रोग्रीन्स में काफी पोषण होता है और सभी लोगों को यह उगाने की कोशिश करनी चाहिए।
द बेटर इंडिया ने विनी से खास बातचीत की और उनसे उनकी गार्डनिंग के बारे में जाना और समझा। हमारी बातचीत का एक अंश आप यहाँ पढ़ सकते हैं:
1. कैसे शुरू करें गार्डनिंग?
विनी: सबसे पहले अपने घर में ऐसी जगह ढूंढें, जहां दिन में लगभग 3-4 घंटे लगातार धूप आती हो। मुंबई शहर में खुली जगह, घरों में धूप आना- यह सब बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए आपको सबसे पहले अपने घर, छत, बालकनी या फिर आस-पड़ोस में कहीं ऐसी जगह ढूंढनी है।
2. किस तरह के पौधों से करें शुरुआत?
विनी: आप इस तरह की जगह में हर्ब, टमाटर, पैपर और खीरे की अलग किस्में लगा सकते हैं।
3. कैसे तैयार करें पॉटिंग मिक्स/मिट्टी?
विनी: गार्डनिंग की मिट्टी, सामान्य मिट्टी से अलग होती है। इसमें आपको खाद और रेत मिलानी होगी। लेकिन अगर आप बालकनी में या फिर खिडकियों की ग्रिल पर पौधे लगाने का ट्राई कर रहे हैं तो आप बिना मिट्टी वाले पौधे उगाने का प्रयत्न करें।
4. कैसे तैयार करें बिना मिट्टी वाला मीडियम?
विनी: यह बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप, एक तिहाई कोकोपीट पाउडर लें और इसमें एक-तिहाई पर्लाइट या फिर वर्मीक्यूलाइट मिला लें ताकि यह और हल्का हो जाए। इसके बाद, इसमें एक तिहाई वर्मीकंपोस्ट मिलाएं। पोषण की मात्रा बढ़ाने के लिए आप बॉन मील भी मिला सकते हैं।
दूसरा, एक अच्छा तरीका है हाइड्रोपोनिक सिस्टम, जिसमें पोषण से भरपूर पानी में उपज ली जाती है।
5. कैसे लगाएं बीज?
विनी: 1. सबसे पहले आप गमलों या फिर प्लांटर्स का चुनाव करें- हर्ब्स लगाने के लिए आप छोटे गमले ले सकते हैं लेकिन सब्जियों के लिए आपको थोड़े बड़े गमले चाहिए।
2. इसके बाद तय करें कि आप कौन-सी सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं और उनके बीज इकट्ठे करें। आप किसी नर्सरी या फिर बाज़ार से ये बीज ले सकते हैं।
3. सबसे पहली बात यह याद रखें कि आप बीजों को सीधा गमलों में न बोएं। सबसे पहले इन्हें किसी ग्रोइंग मीडियम में 3-4 इंच तक उगा लें और फिर गमलों में ट्रांसप्लांट करें।
4. ग्रोविंग मीडियम के लिए आप ग्रो ट्रे या फिर कागज के कप का इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें पॉटिंग मिक्स डालें, बीज लगाएं और ध्यान रखें कि इस मीडियम में नमी बनी रहे। जब बीज अंकुरित हो जाए और विकसित होने लगे, तब इन्हें गमलों में लगाना चाहिए।
5. ट्रांसप्लांट करते समय याद रहे कि पौधे की जड़ को कोई नुकसान न पहुंचे।
शुरूआत में एक प्लांटर में एक पौधा ही लगाएं। फिर जैसे-जैसे आपको अनुभव होने लगे तो आप कई पौधे एक ही गमले में उगा सकते हैं।
6. पेड़-पौधों की देखभाल कैसे करें?
विनी: पेड़-पौधे तभी अच्छे से विकसित होते हैं, जब उनका सही ध्यान रखा जाता है।
- सभी समय पर पेड़ों को पानी दें। इसका सबसे अच्छा तरीका है कि आप मिट्टी में पानी एक-दो ईंच तक डालिए और अगर आपको लगता है कि मिट्टी सूखी है तो तुरंत पानी डालें। पेड़ों के उगने के लिए मिट्टी में नमी रहना बहुत ज़रूरी है।
- समय-समय पर पोषक तत्व देते रहें जैसे आप महीने में एक-दो बार वर्मीकंपोस्ट आदि मिलाएं।
- आप अपने घर के गीले कचरे, बचा-कूचा खाना आदि से भी कंपोस्ट तैयार कर सकते हैं। घर पर बनी खाद सबसे अच्छी होती है।
7. कुछ ज़रूरी टिप्स?
विनी: गार्डनिंग करने की चाह रखने वालों से मैं सबसे पहले तो यही कहती हूँ कि
1. जहाँ भी जगह दिखे, जैसे भी शुरू करना हो बस गार्डनिंग शुरू कर दो। ज्यादा सोचो मत।
2. अगर आप हर्ब से शुरू करना चाहते हैं तो तुलसी उगाइए और वह भी इसका बीज लगाइए, कलम नहीं।
3. सब्जियों में सबसे पहले, आपको चेरी टमाटर से शुरू करना चाहिए। इन्हें बहुत कम देख-रेख की ज़रूरत होती है।
4. अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो दो-तीन पौधों से ही शुरू करें। जब आपको सफलता मिलने लगे और आपको थोड़ा अनुभव हो जाए, फिर उस हिसाब से आप पेड़-पौधे लगा सकते हैं।
5. यह मत सोचिये कि अगर आप सब्ज़ियाँ लगा रहे हैं तो आपके घर की पूर्ति यहीं से होनी चाहिये। ज़रूरी नहीं कि यह मुमकिन हो। इसलिए आप बस इस बात पर ध्यान दें कि आप क्या उगा सकते हैं और धीरे-धीरे आगे बढ़ें।
शुरू करने से पहले यह बहुत बड़ा काम लगता है लेकिन यकीन मानिये, यह बस चंद घंटों का काम है। छोटे से शुरुआत करें, लेकिन ज़रूर करें और आपको खुद पेड़-पौधों से प्यार हो जाएगा। डॉ. विनी की ख्वाहिश है कि एक दिन उनका अपना एक फार्म हो, जहां वह पर्याप्त मात्रा में सब्ज़ियाँ उगा पाएं। लेकिन तब तक वह अभी जो कुछ भी उगा रही हूँ, उसी में खुश हैं।
डॉ. विनी मेहता से संपर्क करने के लिए आप उन्हें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं! फेसबुक पर उन्हें फॉलो करने के लिए Vinnie’s Veggies and Greenies पेज पर जाएं!
अगर आपको भी है बागवानी का शौक और आपने भी अपने घर की बालकनी, किचन या फिर छत को बना रखा है पेड़-पौधों का ठिकाना, तो हमारे साथ साझा करें अपनी #गार्डनगिरी की कहानी। तस्वीरों और सम्पर्क सूत्र के साथ हमें लिख भेजिए अपनी कहानी [email protected] पर।
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