जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।
"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"
एक बार लोकल ट्रेन से सफर करते वक़्त डॉ. विनी ने कुछ लोगों को रेलवे लाइन से पालक तोड़ते हुए देखा और बाद में, उन्हें पता चला कि यही पालक बाज़ार में आता है। इसके बाद उन्होंने खुद अपनी सब्ज़ियाँ उगाने की ठान ली!
इस 279 रुपये की किट में आपको एक बायोडिग्रेडेबल गमला, मिट्टी, जैविक खाद, बीज, दिशा-निर्देश के लिए एक मैन्युअल और ग्रोथ को जांचते रहने के लिए एक चार्ट मिलेगा!