दिल्ली की कृतिका सोंधी ने अपनी नानी के टैलेंट को एक पहचान देने के लिए स्टार्टअप की शुरुआत की थी लेकिन जैसे-जैसे ऑर्डर्स बढे, उनके साथ और 14 बुनाई करने वाले लोग जुड़ गए हैं!
एक बार लोकल ट्रेन से सफर करते वक़्त डॉ. विनी ने कुछ लोगों को रेलवे लाइन से पालक तोड़ते हुए देखा और बाद में, उन्हें पता चला कि यही पालक बाज़ार में आता है। इसके बाद उन्होंने खुद अपनी सब्ज़ियाँ उगाने की ठान ली!