जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।
बिहार के पटना में रहने वाले विजय राय पिछले लगभग 20 सालों से अपनी छत पर बागवानी कर रहे हैं। उनके बगीचे में सजावटी पौधों, फूलों, बोनसाई, मौसमी सब्जियों से लेकर कई तरह के फलों के पेड़ भी लगे हुए हैं।
अपने कमरे की बालकनी में कुछ पांच पौधों से की थी गार्डेनिंग की शुरुआत, वहीं आज दिल्ली की रश्मि शुक्ला उगाती हैं तक़रीबन सभी मौसमी सब्जियां और कई फल-फूल। उन्होंने अपनी छत पर एक बेहतरीन ईको-सिस्टम तैयार किया है।
हर घर में खाया जाने वाला, सुपर फूड केला हमारे स्वास्थ्य के लिए तो अच्छा है ही, इसके छिलके भी कम गुणकारी नहीं हैं। केले के छिलके से बनाई गई खाद, पौधों के विकास के लिए बहुत अच्छी होती है। चलिए जानें, क्या है इसे बनाने और इस्तेमाल करने का तरीका।
गोवा में रहनेवाले योगिता मेहरा और करण मनराल, पिछले 13 सालों से ऑर्गनिक किचन गार्डनिंग कर रहे हैं। इसके साथ, वे 'ग्रीन एसेंशियल' नाम से अपना गार्डन स्टोर भी चला रहे हैं।
आपने अपने टेरेस गार्डन में धनिया, मिर्च, टमाटर और पुदीना तो खूब उगाएं होंगे, लेकिन क्या आपने कभी अपनी बालकनी में एक्ज़ोटिक स्ट्रॉबेरी उगाने के बारे में सोचा है? चलिए गार्डनिंग एक्सपर्ट से जानते हैं, स्ट्रॉबेरी उगाने के आसान तरीकों के बारे में।
हरियाणा में झज्जर के एक गाँव में रहने वाले कुलदीप सुहाग, अपनी दो एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे हैं। इस काम में उनके घर के सभी छोटे-बड़े बच्चे उनकी मदद कर रहे हैं।
कोलकाता के CA संतोष मोहता ने, अपनी छत पर बागवानी करने के साथ-साथ, शहरों में हरियाली फ़ैलाने के मकसद से ‘Concern For Earth’ नाम की संस्था भी बनाई है, जहाँ वह free gardening tips देते हैं।
मुंबई की ‘Emgee Greens society’ पिछले दो साल से कचरा मुक्त है। उन्होंने पुरानी अलमारियों और सिंक तक को रीसायकल कर जैविक पौधों के लिए इस्तेमाल किया है और छत पर उगाई गई सब्जियों का उपयोग पूरी सोसाइटी कर रही है।