अगर आपने कोयला खादानों के बारे में सुना है, तो यह ज़रूर जानते होंगे कि अंडरग्राउंड खदानों में काम करना कितना रिस्क भरा हो सकता है। आमतौर पर लोग कोयला खदानों के भीतर जाने से घबराते हैं। इस क्षेत्र में अभी तक पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है, लेकिन अब एक महिला ने इस वर्चस्व को तोड़ा, जिनका नाम है आकांक्षा कुमारी।
कुछ साल पहले तक जिन कामों को सिर्फ पुरुषों का काम समझकर महिलाएं नहीं करती थीं। आज उन्हीं कामों को अपनी पहचान बनाकर आर्थिक रूप से आज़ाद बनीं इन पांच महिलाओं की कहानी ज़रूर पढ़ें।
पुणे की रहनेवाली प्रतीक्षा टोंडवालकर जिस बैंक में कभी स्वीपर का काम किया करती थीं, आज वहीं एजीएम के पद पर काम कर रही हैं। प्रतीक्षा के लिए ये सब एक दिन का कमाल नहीं रहा, इस सफलता के पीछे उनके सालों का संघर्ष और कड़ी मेहनत छिपी है।
प्राची ठाकुर, बिहार के एक गांव में पली-बढ़ीं, जहां लड़कियों की शादी अक्सर 10वीं कक्षा के तुरंत बाद कर दी जाती है। लेकिन जब गांव में रहनेवाले कई लोग अपनी-अपनी बेटियों की शादी के लिए दहेज़ इकट्ठा कर रहे थे, तब प्राची के पिता ने अपनी कमाई का सारा पैसा बेटी की शिक्षा पर खर्च किया।
पिछले 15 सालों से गया (बिहार) की सीता देवी एक इलेक्ट्रीशियन के तौर पर काम कर रही हैं और बल्ब से लेकर माइक्रोवेव तक सबकुछ ठीक कर सकती हैं। पढ़ें, एक गृहिणी से इलेक्ट्रीशियन देवी बनने तक की उनकी पूरी कहानी।
रायपुर की राखी श्रीवास्तव VIU naturals नाम से 45 तरह के हैंडमेड नेचुरल प्रोडक्ट्स बनाकर बेच रही हैं और इसके जरिए लाखों रुपये भी कमा रही हैं। लेकिन एक समय पर उनके पास इस बिज़नेस को शुरू करने तक के पैसे नहीं थे।
गीता पाटिल ने ‘पाटिल काकी’ नाम से एक बिजनेस शुरू किया है, जहां शुद्ध महाराष्ट्रियन व्यंजन बनाए और बेचे जाते हैं। गीता को मुंबई और पुणे से हर महीने हजारों ऑर्डर मिलते हैं। इस बिजनेस से उनकी सालाना कमाई करीब 1 करोड़ रुपये है।
तमिलनाडु में एक बेहद खूबसूरत फार्मस्टे है, पिको। इस फार्मस्टो को लक्ष्मी अमाल और कस्तूरी सिवारामन की एक जोड़ी चला रही है। खास बात यह है कि ये दोनों ही सीनियर सीटिजन हैं।
सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, भुवनेश्वर की शताब्दी साहू ने नौकरी करने के बजाय एक ऐसे काम को चुना, जिसे महिलाओं का काम नहीं समझा जाता। लेकिन भीड़ से हटकर उनके काम ने ही आज उन्हें ओडिशा की एक मात्र महिला प्लंबर ट्रेनर का ख़िताब दिलाया है।