महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के IAS ऑफिसर डॉ. राजेंद्र भारूड़ ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई, बेड, एक नियोजित टीकाकरण अभियान और व्यवस्थित तैयारी के साथ, जिले को बचाये रखने में कामयाबी हासिल की है।
औरंगाबाद में सहायक आयकर आयुक्त के रूप तैनात IRS विष्णु औटी का बचपन काफी संघर्षों से भरा था। आलम यह था कि उन्हें अपना पेट भरने के लिए, चक्की मिल में फर्श पर गिरे हुए आटे को जमा करना पड़ता था।
आईपीएस अफ़सर अर्चना रामासुंदरम, भारत के सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक बनने वाली पहली महिला अफ़सर थीं। हैदराबाद पुलिस अकादमी ज्वाइन करने पर, अपनी क्लास में वे इकलौती लड़की थीं और इसके सालों बाद, वे महिला अफ़सरों के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा बनीं।
हाल ही में, यूपीएससी 2018 का परिणाम घोषित हुआ है और जम्मू में पूंछ जिले से इस परीक्षा को पास करने वाली डॉ. रेहाना बशीर, पहली लड़की हैं। साल 2016 में अपनी इंटर्नशिप पूरी होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।
सुहास लालिनाकेरे यथिराज, उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जिला अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि, एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ, सुहास एक बेहतरीन पैरा-एथलीट भी हैं। हाल ही में, उन्होंने पैरा-बैडमिंटन अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है!
पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार प्रशासन की 'आलोरण पहल' ने तीन महीनों में ही यहाँ के 73 विद्यालयों के लगभग 20, 000 बच्चों की ज़िंदगी में एक बड़ा परिवर्तन ला दिया है। यह एक 'ज़ीरो-कॉस्ट' मॉडल है। जिसमें अधिकारी स्कूलों में जाकर मिड-डे मील की गुणवत्ता, छात्रों की हाजिरी और शिक्षकों की उपस्थिति का मुआयना करते हैं।
4 फरवरी, 1881 को करूर जिले के वंगल गाँव के एक जमींदार के यहाँ जन्में वी. टी कृष्णामाचारी एक भारतीय प्रशासनिक अधिकारी थे। अपने करियर के दौरान उन्होंने कुछ प्रमुख पद संभाले, जैसे कि दीवान ऑफ बड़ौदा और जयपुर राज्य के प्रधान मंत्री। इसके अलावा उन्होंने 'पंचायती राज व्यवस्था' की नींव रखी।
रावेनशॉ यूनिवर्सिटी, कटक से पीएचडी कर रहीं संध्या समरत, उड़ीसा के मलकानगिरी जिले के एक छोटे से गाँव सालिमी से हैं। संध्या ने उड़ीसा सिविल सर्विस परीक्षा 2018 में 91वीं रैंक प्राप्त की है। उनका सपना एक प्रशासनिक अधिकारी बनकर अपने जिले और गाँव में विकास करना है।