दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम के जंक्शन पर हर रोज दोपहर 12.30 बजे से शाम 4 बजे के बीच सफेद रंग की ऑल्टो कार आती है। करन और अमृता गाड़ी की डिक्की खोलते हैं और अंदर से चमचमाते हुए स्टील के कंटेनर बाहर निकालते हैं, जिनमें से गरमा-गरम राजमा, छोले, कढ़ी, चावल और ठंडी-ठंडी छाछ की निकलती खुशबू आस-पास फैल जाती है।
सौमित्र मंडल, पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सुदूर द्वीप में लोगों के लिए किसी सुपरहीरो से कम नहीं हैं। वह एक वन मैन आर्मी हैं, जो आज भी अपने दम पर अकेले एक गांव से दूसरे गांव जाकर, लोगों को दवाइयां और ऑक्सीजन पहुंचाते हैं।
बी-टेक चाय की शुरुआत करने वाले केरल के आनंदु अजय, मोहम्मद शफी और मोहम्मद शहनवाज के स्टॉल पर आप 5 से लेकर 50 रुपये तक की चाय के 50 से ज्यादा जायकों का लुत्फ उठा सकते हैं।
पंजाब की रहनेवाली कमलजीत कौर ने लगभग एक साल पहले Kimmu's Kitchen की शुरुआत की थी। आज वह भारत के तमाम शहरों के साथ-साथ, विदेशों तक ताजे बिलौना घी का स्वाद पहुंचा रही हैं।
53 वर्षीया रंजू कुमारी बीते दो दशकों से एएनएम के रूप में काम कर रही हैं। उन्हें कोरोना काल में लोगों की दिन-रात सेवा करने के लिए 'राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS), नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, 2-18 आयु वर्ग के बच्चों को टीका लगाया जाना चाहिए "क्योंकि यह महामारी से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका है"।
राधिका शास्त्री ने जब कोविड -19 की दूसरी लहर में नीलगिरी को तबाह होते हुए देखा, तो उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर और फर्स्ट एड किट वाली एक ऑटो-एम्बुलेंस डिजाइन करने का फैसला किया।
मंगलुरू की किराना देवाडिगा ने लॉकडाउन में खाली बैठने के बजाय, आपदा को अवसर में बदलने का फैसला किया। घर की छत पर गमलों में जैसमीन उगाकर, वह अब तक 85000 रुपये कमा चुकी हैं।