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टूथपेस्ट, शैम्पू से लेकर क्लीनर तक, सबकुछ बनाती हैं घर पर

By निशा डागर

लुधियाना, पंजाब की रहने वाली ज्योत्सना जैन पिछले दो सालों से इको फ्रेंडली लाइफस्टाइल फॉलो कर रही हैं।

अपनी ही ज़मीन से निकली मिट्टी से बनाया घर, लगाए 800 पेड़-पौधें, न AC, न कूलर, न बिजली बिल

By निशा डागर

तमिलनाडु में पोल्लाची के एक गाँव के रहने वाले रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं, जहाँ उनके बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है।

अमेरिका छोड़ गाँव में बसा दंपति, 2 एकड़ ज़मीन पर उगा रहे हैं लगभग 20 तरह की फसलें!

By निशा डागर

"हमारे ये सब करने से ग्लोबल वार्मिंग भले ही न रुके, लेकिन हमारे आस-पास जो बच्चे हैं, उनकी ज़िंदगी में बदलाव ज़रूर आएगा।"

पिछले 5 सालों से जोधपुर के ऐतिहासिक कुएं और बावडियों को साफ़ कर रहा है यह आयरिश 'पागल साब'!

अब तक कैरोन ने कई अहम जलाशयों, जैसे राम बावड़ी, क्रिया झालरा, गोविंदा बावड़ी, चंडपोल बावड़ी, गुलाब सागर झील आदि को साफ करने का प्रयास किया है।

महाराष्ट्र: इस गाँव के किसान तेंदुओं के पानी पीने के लिए बना रहे हैं टैंक!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे में खेड़ा तालुका के रंमाला गाँव में एक किसान, निलेश शिवाजी शिंदे ने बेजुबान जंगली जानवरों के लिए एक पहल की शुरुआत की है। उन्होंने उनके लिए पानी के टैंक बनाये जहाँ हर दो दिन में पानी भरा जाता है ताकि इन जानवरों की प्यास बुझ सके।

साढ़े तीन वर्षीय कैज़ेन जी रहा है 'मोगली' जैसा जीवन, माँ-बाप ने छोड़ी थी कॉर्पोरेट की नौकरी!

By निशा डागर

हर्षिता और आदित्य शाकल्य, एक दंपति जो अपने साढ़े तीन साल के बेटे कैज़ेन के साथ मध्य-प्रदेश के पेंच टाइगर रिज़र्व के 'टाइगर एन वुड्स' रिज़ॉर्ट में रह रहा है। साल 2015 में दोनों ने इंदौर में अपना बिजनेस छोड़ यहां प्रकृति के बीच रहना शुरू किया।