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गाँधी जी

रानी गाइदिन्ल्यू: 17 साल की उम्र में हुई थी जेल, आज़ादी के बाद ही मिली रिहाई

By निशा डागर

रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।

माँ की आराधना से हुई थी तुकबंदी की शुरुआत, भविष्य में बनी साहित्य की 'महादेवी'!

By निशा डागर

हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में सुमित्रानन्दन पन्त, जयशंकर प्रसाद और सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के साथ-साथ महादेवी वर्मा का नाम शामिल होता है। हिंदी साहित्य की प्रख्यात कवयित्री और लेखिका, महादेवी वर्मा अपनी रचनाओं से साहित्य पर अमिट छाप छोड़ी है।

जब 501 रूपये में बिका भारत में बना पहला नमक का पैकेट!

By निशा डागर

12 मार्च 1930 को गाँधी जी ने अपने साथियों के साथ साबरमती से 'दांडी मार्च' शुरू किया था, जिसे इतिहास में 'नमक सत्याग्रह' के नाम से जाना जाता है। उनके नेतृत्व में हज़ारों लोगों ने इस अहिंसात्मक आन्दोलन में भाग लिया। जगह-जगह पर लोगों ने नमक कानून तोड़कर ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी।

'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती' : बच्चन भी जिनकी कविताओं के थे कायल!

By निशा डागर

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती सोहनलाल द्विवेदी koshish karne walon ki haar nahi hoti harivansh rai bachchan sohan lal dwivedi

ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान: भारत रत्न पाने वाला गैर-हिंदुस्तानी, जिसकी हर सांस में भारत बसता था!

By निशा डागर

साल 1987 में ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से नवाज़ा। उनका जन्म 6 फरवरी 1890 को पेशावर (अब पाकिस्तान में है) में हुआ। उन्हें 'सरहदी गाँधी,' 'बाचा ख़ान' और 'बादशाह ख़ान' के नाम से भी जाना जाता है। वे भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे जो गाँधी जी के साथ अहिंसा के मार्ग पर चले।

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद: देश के प्रथम राष्ट्रपति, जिन्होंने पूरे कार्यकाल में लिया केवल आधा वेतन!

By निशा डागर

डॉ राजेन्द्र प्रसाद न केवल देश के पहले राष्ट्रपति थे बल्कि उन्हें जन-साधारण का राष्ट्रपति कहा जाता है। 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के एक गाँव में जन्में राजेन्द्र बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली थे। स्वतंत्रता के बाद वे पहले राष्ट्रपति बने। उनकी बौद्धिक क्षमता का कोई सानी नहीं था।

गणेश वासुदेव मावलंकर : स्वतंत्र भारत के प्रथम लोकसभा अध्यक्ष!

By निशा डागर

गणेश वासुदेव मावलंकर का जन्म 27 नवम्बर, 1888 को गुजरात के वडोदरा में हुआ था। वे भारत के प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद ये लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष बने थे। भारत की इस महान विभूति का 27 फ़रवरी, 1956 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

केसरी सिंह बारहठ: वह कवि जिसके दोहों ने रोका मेवाड़ के महाराणा को अंग्रेजों के दिल्ली दरबार में जाने से!

By निशा डागर

राजस्थान के चारण घराने से ताल्लुक रखने वाले केसरी सिंह बारहठ प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म  21 नवम्बर, 1872 को शाहपुरा रियासत के देवपुरा गाँव में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया। 14 अगस्त 1941 को उनका निधन हुआ।

बिहार के इस शहर में 16 अगस्त को भी मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, जानिए क्यों!

By निशा डागर

भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है। हालांकि, बिहार के बक्सर जिले में एक छोटा सा शहर डुमराँव के लोगों के लिए 16 अगस्त को होने वाला उत्सव समान रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे इस दिन साल 1942 में शहीद हुए चार स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते थे ।