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अच्छी ख़बरें

मुंबई से महज़ 45 की दूरी पर, लेकिन शहर के शोर-शराबे से दूर है यह ईको-फ्रेंडली फार्मस्टे

छोटी नदियों और पहाड़ियों के से घिरे ‘किसान ईको फार्मस्टे’ में प्रकृति का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है। मुंबई से थोड़ी ही दूर हरियाली के बीच बसे इस ईको-फ्रेंडली फार्मस्टे में रहने का अनुभव काफ़ी अनोखा है।

द बेटर इंडिया से गार्डनिंग सीखकर बनीं अर्बन गार्डनर, छत पर ही उगाए 20 तरह के फल

By प्रीति टौंक

मिलिए हरिद्वार की डॉ. अंशु राठी से; जिन्होंने अपनी बेटी को घर की ऑर्गेनिक फल-सब्जियां खिलाने के लिए साल 2013 में गार्डनिंग शुरू की थी। उनके इस सफर में द बेटर इंडिया भी उनका साथी रहा है! जानिए कैसे..

भारत तब और अब! आज़ादी के 76 साल बाद जानिए किन क्षेत्रों में की कितनी तरक्की

By प्रीति टौंक

आज़ादी के समय हमारे देश में स्कूलों की संख्या महज एक लाख के करीब थी, जो अब बढ़कर 15 लाख से ज्यादा हो गई है। शिक्षा ही नहीं स्वास्थ्य, सड़क और व्यापर के क्षेत्र में भी देश ने खूब तरक्की की है, जानिए बीते 76 सालों में आए बदलाव की कहानी।

बुलेट पर 700 रुपए से शुरु हुआ बर्गर का बिजनेस,आज बन गया है लाखों का कारोबार

By प्रीति टौंक

अगर बिजनेस प्लान और हौसला मजबूत हो तो सिर्फ 700 रुपए के निवेश को भी आप एक सफल बिजनस में बदल सकते हैं, इसका उदाहरण हैं अहमदाबाद के तपन ब्रम्हभट्ट, जिन्होंने अकेले बुलेट पर बर्गर बेचकर अपने बिजनस की शुरुआत की और आज 'टम्मी टिकी बर्गर' के मालिक हैं, जो लाखों का टर्नओवर देने वाली कंपनी है।

बस्तर इलाके से पहले IAS बनने वाले विनीत, अब शिक्षा से बदल रहे यहां की तस्वीर

By प्रीति टौंक

मिलिए दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी विनीत नंदनवार से, जिन्होंने बस्तर जैसे नक्सली इलाके में रहते हुए IAS अधिकारी बनकर, न सिर्फ अपना भविष्य सुधारा बल्कि आज वह अपने जैसे कई नौजवानों के सपने साकार करने में मदद कर रहे हैं।

25 साल की मेहनत से इस दम्पति ने उगाएं 6000 पौधे, बचाए सैकड़ों पक्षी

By प्रीति टौंक

मिलिए, गुजरात के शंखेश्वर इलाके के धनोरा गांव में रहनेवाले बुजुर्ग दम्पति दिनेश चंद्र और देविंद्रा ठाकर से, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट होम को बनाया कुदरत का घर।

एक अधिकारी ने की पहल और पूरा गांव बन गया इको फ्रेंडली

By प्रीति टौंक

ओडिशा के देबरीगढ़ अभ्यारण्य के पास बसे गांव ढोड्रोकुसुम में, पिछले एक साल से सभी ईको-फ्रेंडली जीवन जी रहे हैं ताकि जंगल के सभी वन्य प्राणी भी प्राकृतिक माहौल में जी सकें। यह सब मुमकिन हुआ यहां की DFO अंशु प्रज्ञान दास की पहल की वजह से।

सास-बहू घर से चलाती हैं ऑयल बिज़नेस, हर महीने मिलते हैं 200 ऑर्डर्स

By प्रीति टौंक

गुरुग्राम की निधि दुआ अपनी सास रजनी दुआ के साथ मिलकर हर्बल हेयर ऑयल बिज़नेस चलाती हैं। इस काम के ज़रिए उन्होंने न सिर्फ अपनी नई पहचान बनाई है बल्कि देशभर की 5000 महिलाओं की मदद भी कर रही हैं।

कानपुर का हीरो चायवाला: कमाई का 80% हिस्सा देते हैं गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए

By प्रीति टौंक

कभी आर्थिक तंगी के कारण अपनी खुद की पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले कानपुर के महबूब मलिक, पिछले 8 सालों से गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं।

पिता-बेटे ने कचरे से खड़ा किया कारोबार, प्लास्टिक वेस्ट से बना रहे फैशनेबल कपड़े

By प्रीति टौंक

तमिलनाडु के, के. शंकर और सेंथिल शंकर प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके जैकेट, ब्लेज़र, टी-शर्ट और बॉटम्स बना रहे हैं। इससे वे रोजाना प्लास्टिक की करीब 15 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से भी बचा रहे हैं।