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अच्छी ख़बरें

दो भाइयों का कमाल, 'Yacon' की खेती से सिक्किम के 500 किसान हो रहे मालामाल

By प्रीति टौंक

सिक्किम के दो भाई अभिमन्यु और अभिनन्दन ढकाल ने एक लुप्त होती फसल को बचाकर न सिर्फ अपने लिए एक अनोखा बिज़नेस खोजा, बल्कि 500 किसानों को आठ गुना मुनाफा कमाने का मौका भी दिया है।

इस स्कूल की फीस है प्लास्टिक की बेकार बोतलें

By प्रीति टौंक

गाजियाबाद में, NTPC की रिटायर अधिकारी नीरजा सक्सेना पिछले दो सालों से जरूरतमंद बच्चों के लिए फुटपाथ स्कूल चला रही हैं जहाँ पढ़ने की फीस है प्लास्टिक वेस्ट।

इंजीनियर का आविष्कार! फल-सब्जियों को बिना फ्रिज़ के ताज़ा रखेगी यह छोटी सी पुड़िया

By प्रीति टौंक

चेन्नई के दीपक राजमोहन और विजय आनंद की कंपनी ग्रीनपॉड लैब्स का आविष्कार, महंगे कोल्ड स्टोरेज सिस्टम का बनाया सस्ता विकल्प, जो फल सब्जियों को रखता है ताज़ा।

कभी दूसरों की मदद से पढ़ाई पूरी करने वाले अबिनाश, आज खुद के खर्च पर पढ़ा रहे हैं 300 बच्चों को

By प्रीति टौंक

चाटोशाली यानी एक ऐसी जगह जहां गांव के बच्चे इकठ्ठा होकर पढ़ाई करते हैं। अबिनाश ने ओडिशा की सालों पुरानी इस प्रथा को जिन्दा किया और संवार दिया सैकड़ों बच्चों का भविष्य।

19 साल की महक ने बनाया प्राकृतिक फ्रिज़, जिसमें बिना बिजली के भी ताज़ा रहेंगी फल-सब्जियां

By प्रीति टौंक

चेन्नई की महक परवेज़ ने एक अनोखे 'सन हार्वेस्टेड कूलरूम्स' का आविष्कार किया है। यह कोल्ड स्टोरेज का एक सस्टेनेबल विकल्प है जो फलों और सब्जियों को बिना बिजली के भी ताज़ा रख सकता है।

हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

ओडिशा के प्रदीप कुमार रथ ने रिटायर होने के बाद अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित करने का फैसला किया है। 'परिवेश सुरक्षा अभियान' के ज़रिए उन्होंने गांवों की महिलाओं और बच्चों की मदद से 60,000 से अधिक पौधे लगाए हैं।

पैर खोया मगर हौसला नहीं! चाय बिज़नेस से नेहा ने बनाई अपनी पहचान

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की नेहा भट्ट ने एक हादसे में अपने दोनों पैर खो दिए लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने अपने आप को नई पहचान दिलाने का फैसला किया। जानिए कैसे आज वह आत्मनिर्भर बनकर पूरे शहर में मशहूर हो गई हैं।

93 साल की दादी ने कतरन से 35000 थैलियां बनाकर मुफ्त में बाँट दी

By प्रीति टौंक

हैदराबाद की 93 वर्षीया मधुकान्ता भट्ट ने न सिर्फ़ बेकार कपड़ों से 35000 थैलियां बनाईं बल्कि लोगों में उन्हें मुफ्त बांटा ताकि प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके।

आदिवासी बेटी ने गांव की लुप्त हो रही कला को दिलाई नई पहचान

By प्रीति टौंक

मिलिए मध्यप्रदेश के भिलाला आदिवासी समुदाय की साक्षी भयड़िया से। ये एक ट्राइबल आर्ट गैलरी चलाती हैं। उनकी इस कोशिश ने गांव की पिथौरा कला को नई पहचान दिलाई है।

बच्चों के साथ बढ़ेंगे उनके जूते भी, पुणे के सत्यजीत मित्तल का आविष्कार

By प्रीति टौंक

पुणे के सत्यजीत मित्तल के बनाए जूते, आपके बच्चों के साथ-साथ बढ़ते हैं और उन्हें तीन साइज़ तक फिट आ जाते हैं।