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भारतीयों से अच्छा आर्किटेक्ट कोई नहीं! सदियों तक टिकने वाली इन बॉउंड्री वॉल को ही देखें

By प्रीति टौंक

कंक्रीट या पत्थर से नहीं, मिट्टी या बांस से बनाई जाती हैं ये बॉउंड्री वॉल, फिर भी 100 साल तक टिकने की ताकत रखती हैं।

ढोकला शिल्प से लेकर कोंडापल्ली खिलौनों तक, ये आदिवासी हैण्डीक्राफ्ट्स हैं विदेशों तक मशहूर

By प्रीति टौंक

देश के आदिवासी इलाकों के ये हैंडीक्राफ्ट्स, बड़े-बड़े शहरों से लेकर विदेशों तक पसंद किए जाते हैं, क्या आप जानते हैं इनके बारे में।

घर में झाड़ू-पोंछा लगाने से लेकर पद्म श्री तक का सफर, पढ़िए दुर्गा बाई की प्रेरक कहानी

मध्य प्रदेश के डिंडोरी की रहनेवाली दुर्गा बाई व्योम को सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया है। लेकिन उनके यहां तक पहुंचने की राह काफी मुश्किल रही है। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी!

छत्तीसगढ़: सोशल वर्कर ने किया बैम्बू साइकिल का आविष्कार ताकि आदिवासियों को मिले रोज़गार

By प्रीति टौंक

छत्तीसगढ़ के 30 वर्षीय आसिफ खान ने ‘बैम्बूका’ नाम की ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाई है। बस्तर के आदिवासी जिले से होने के कारण, उन्होंने पारंपरिक हस्तकला को बढ़ाने और आदिवासियों को रोजगार देने के लिए यह आविष्कार किया था।

गाँव का इको फ्रेंडली स्टार्टअप, पातालकोट के सुकनसी से खरीदिए पत्तों से बनी कटोरियाँ

By प्रीति टौंक

छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) के पातालकोट निवासी, सुकनसी भारती ने अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और पर्यावरण को बचाने के उदेश्य से, पत्तों से कटोरी (दौना) बनाना सीखा। आज वह, आस-पास के गावों और होटलों में अपने दौने बेच रहे हैं।

माँ-बेटे की रोड-ट्रिप, 51 दिनों में 28 राज्य, 6 यूनियन टेरिटरी और 3 इंटरनैशनल बॉर्डर

By प्रीति टौंक

यात्रा की शौक़ीन केरल की मित्रा सतीश ने अपने 10 साल के बेटे के साथ, एक शानदार रोड ट्रिप पूरी की है। उन्होंने दक्षिण भारत से लेकर, देश के पूर्वोतर राज्यों के गांवों में छिपी कला को करीब से जानने के लिए, 16,804 किलोमीटर की यात्रा की।

आदिवासी पहनावे को बनाया फैशन की दुनिया का हिस्सा, हाथ की ठप्पा छपाई ने किया कमाल

गाँव में ब्लॉक प्रिंट का काम करने वाले लोग ख़त्म हो चुके थे और युवा इसे करना नहीं चाहते थे। लेकिन मुहम्मद युसूफ अपने अब्बा से मिली विरासत को इस तरह खोना नहीं चाहते थे। उन्होंने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए वह इस कला को मरने नहीं देंगे।

एक युवा जिसकी पहल से मुस्कुराईं चंबा की 1300 जनजातीय महिलाएँ!

पांगी हिल्स एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ट्राइबल कला को हिमालय की गोद से सीधे आपके घर भेजने का काम करती है।