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सौ साल पुराने घरों की मिट्टी और पत्थरों से बना सस्टेनेबल होमस्टे

चूना, लाल मिट्टी, गाय के गोबर और भूसे जैसी चीज़ों से किए गए प्लास्टर और पुरानी मिट्टी से बनी छत तमिलनाडु के सस्टेनेबल होमस्टे 'मुथु नंदिनी पैलेस' को एक अलग लुक और एहसास देते हैं। काफ़ी गर्मी में भी इस होमस्टे का तापमान अंदर से ठंडा बना रहता है।

'जंगल हट': धूप और बारिश के पानी से चलता है नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह होमस्टे

जंगल के बीच नीलगिरी की खूबसूरत वादियों में बना 'जंगल हट' होमस्टे 1986 से मेहमानों का स्वागत कर रहा है। प्रकृति के बीच रहने के अलावा यहाँ ट्रेकिंग, जंगल सफारी और बर्ड वाचिंग जैसी एक्टिविटीज़ करने भारत के अलग-अलग हिस्सों से लोग ठहरने आते हैं।

नारियल के साथ आम, जायफल, हल्दी, काली मिर्च की Intercropping से हुआ 13 लाख का मुनाफा

By प्रीति महावर

राजस्थान के एटॉमिक पावर स्टेशन में एक ठेकेदार के तौर पर काम करनेवाले, एस शिवगणेश ने 2010 में नौकरी छोड़कर किसानी करने की ठानी। अब वह एक सफल किसान हैं। खेती में Intercropping से उन्हें सालाना 16 लाख रुपये की कमाई हो रही है।

मिठाइयां यूपी की, स्वाद तमिलनाडु का, खुश्बू पहुंची विदेशों तक

By पूजा दास

तमिलनाडु के तंजावुर में साल 1949 में बनी ‘बॉम्बे स्वीट्स’ नामक दुकान में, रोजाना लगभग चार हजार ग्राहक आते हैं। यहां 200 प्रकार की मिठाइयां और सात तरह के स्वादिष्ट स्नैक्स मिलते हैं।

वड़ा पाव बेचकर करोड़ो कमानेवाले इस भारतीय बिज़नेसमैन पर हो रही है हावर्ड में रिसर्च

By प्रीति महावर

मुंबई की ‘गोली वड़ा पाव’ कंपनी के संस्थापक वेंकटेश अय्यर ने साल 2004 में ‘बॉम्बे बर्गर’ यानी वड़ा पाव बेचने की शुरुआत की। आज, भारत के 20 राज्यों के 100 शहरों में इनके 350 आउटलेट्स हैं, जिनसे यह हर साल 50 करोड़ का कारोबार करते हैं।

इस खत को पढ़कर आप भावुक हो जाएंगे, जिसे एक IAS बेटी ने अपनी माँ के नाम लिखा है!

IAS अधिकारी सरयू मोहनचंद्रन मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। वह फिलहाल, तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में तैनात हैं। कुछ महीने पहले, उन्होंने अपने फेसबुक पर अपनी माँ, खादिजा के लिए एक काफी भावनात्मक पोस्ट साझा किया।

प्रोजेक्ट साईट से निकली मिट्टी से ईंटें बनाकर, घरों का निर्माण करते हैं ये आर्किटेक्ट

By निशा डागर

घरों में लकड़ी के सभी कामों के लिए पुराने खिड़की, दरवाजे या फिर फर्नीचर को अपसाइकिल करके इस्तेमाल किया जाता है!

पिछले एक दशक से गौरेया को बचाने में जुटा है यह शख्स, शहर भर में लगाए 2000 घोंसले!

By निशा डागर

"अगर आपने आस-पास नियमित तौर पर पक्षी आपको दिख रहे हैं तो समझिए कि आप एक स्वस्थ वातावरण में रह रहे हैं और अगर नहीं तो यह चिंता का विषय है।"

83 साल की 'सब्ज़ीवाली दादी' का कमाल, दो गांवों के हर एक घर में लगवा दिया किचन गार्डन!

By निशा डागर

भारत के गाँव खुद अपना खाना उगाएं, इसके लिए उन्होंने अपने बेटे के साथ मिलकर एक एक्शन प्लान भी बनाया है, जिसके हिसाब से हर एक गाँव में पांच तरह के किचन गार्डन लगाए जा सकते हैं!