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केरल का एक ऐसा घर जहाँ लिविंग रूम में आपको दिखेंगे आम और जामुन के बड़े पेड़!

घर के अंदर प्रवेश करते ही सूरज की रोशनी और ताजी हवा से भरपूर बड़ा सा लिविंग रूम नजर आता है। 25 साल से भी अधिक पुराने जामुन के पेड़ के कारण घर के अंदर एक छोटा लेकिन सुंदर आँगन बन पाया है।

मिट्टी के बर्तनों की छत व सूखी डालियों के खंभे, प्रकृति की गोद में बना है यह घर

2 एकड़ के भूखंड पर निर्मित इस घर में 800 वर्ग फुट में एक ईंट और कंक्रीट की दीवारों वाला स्विमिंग पूल फैला हुआ है, साथ ही यहाँ ऑर्गेनिक खेत भी हैं, जहाँ कई प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती हैं।

जानिए कैसे केवल रु. 20 लाख में बना है यह मिट्टी का घर, जहाँ पंखे की भी नहीं होती ज़रूरत

नयी टाइलें खरीदने के बजाय, सनी ने पुराने टूटे हुए मकानों की टाइलें महज़ रु.5 प्रति टाइल के दर से खरीदीं, जो आज बनाई जा रहीं टाइलों के मुकाबले बेहद सस्ती भी थीं और मज़बूत भी।

बेंगलुरु: शहर की आपाधापी के बीचों-बीच है बाँस और कार्डबोर्ड से बना यह प्राकृतिक स्कूल

स्कूल की बिल्डिंग में कॉलम इस तरह से डिज़ाइन किये गए हैं जिससे लगता है कि बच्चे एक पेड़ की नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं।

भारत की ऐतिहासिक विरासत को संभाल, बाँस व मिट्टी से मॉडर्न घर बनाता है यह आर्किटेक्ट

“आज हम अपनी आधी से अधिक ऐतिहासिक विरासतों को खो चुके हैं और एक आर्किटेक्ट होने के नाते, इसे पुर्नजीवित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।“- अजीत अंदागेरे

बिना प्लास्टर वाले इस घर को पिछले आठ सालों में कभी नहीं भरना पड़ा बिजली या पानी का बिल

सूरत के इस इको फ्रेंडली घर को देखकर आप भी कहेंगे, वाह घर हो तो ऐसा, देखें तस्वीरें!

मिट्टी, बांस और पुआल से बना यह घर, बंगाल के तूफ़ान में भी डट कर खड़ा रहा, जानिए कैसे

इस घर में बाँस की दीवारों में मिट्टी का प्लास्टर किया गया है जिससे घर के अन्दर का तापमान हमेशा एक जैसा रहता है।

पुरानी बेकार पड़ी चीज़ों से बनाते हैं अलौकिक इमारतें, मिलिए गोवा के अनोखे आर्किटेक्ट से

गोवा के सबसे पुराने किलों में से एक रीस मैगोस किला एक लंबे अरसे से खंडहर था। यहाँ के अधिकारियों ने इसके जीर्णोद्धार की जिम्मेदारी जेरार्ड को सौंपी। आज यह गोवा के इतिहास को दर्शाने वाला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।