वाराणसी के संदीप सरन, 'काठ कागज' नामक होम-स्टूडियो चलाते हैं, जहाँ बेकार पड़ी लकड़ियों का इस्तेमाल कर, वह अपने ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक़ Sustainable Furniture बनाकर देते हैं।
अहमदाबाद, गुजरात के CA प्रतीक घोडा ने नौकरी छोड़कर ‘Bee Base Pvt Ltd’ नामक Honey Business शुरू किया। उनकी यह कंपनी शहद बेचने के साथ, मधुमक्खियों के संरक्षण के लिए भी काम कर रही है।
एक चार्ज में 75 किलोमीटर तक दौड़ने वाला यह E-scooter, IIT दिल्ली के स्टार्टअप Geliose Mobility द्वारा बनाया गया है। मात्र 20 पैसे प्रति किमी के खर्च पर चलने वाले इस EV का नाम रखा गया है 'HOPE'!
बिहार के निक्की कुमार झा और रश्मि झा के स्टार्टअप, सप्तकृषि ने एक उपकरण बनाया है - 'सब्जीकोठी'। इसकी मदद से किसान अपनी उपज को एक महीने तक ताज़ा रख सकते हैं।
चेन्नई की अर्चना स्टालिन अपने स्टार्टअप ‘myHarvest’ के ज़रिए, जैविक खेती करने वाले किसानों का एक समुदाय बनाया है, जो ग्राहकों को सीधा किसानों से जोड़ने का काम करता है। लॉकडाउन के दौरान उनके स्टार्टअप ने तकरीबन एक करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
बिजनेस शुरु करने से पहले मिलिंद और कीर्ति दतार ने 13 साल तक IT क्षेत्र में नौकरी की। फिर उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरु करने का फैसला किया। स्टार्टअप के जरिए अब वे पुणे और मुंबई में गन्ने का जूस बेच रहे हैं और लाखों की कमाई कर रहे हैं।
मुंबई की रुक्मिणी ने 2018 में अपने फ़ूड स्टार्टअप ‘द ग्रोइंग जिराफ़’ की शुरुआत बच्चों के पोषण को ध्यान में रख कर की थी। आज, उनके बनाये रागी, पीनट बटर जैसे सुपर फूड से बनी कुकीज़ और बार, बच्चों के साथ-साथ, बड़ो की भी पसंद बन चुके हैं।
लखनऊ, उत्तर-प्रदेश में रहने वाले 29 वर्षीय ओम प्रकाश प्रजापति, सिविल इंजीनियर के तौर पर बनारस में नौकरी कर रहे थे। लेकिन, लॉकडाउन में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप, 'लखनऊ कबाड़ीवाला' शुरू किया।