मुंबई बेस्ड इंजीनियर कौस्तुभ ढोंडे और उनका इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर स्टार्टअप AutoNxt Automation आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स (AI) और 5G तकनीक से चलने वाले ऑटोनोमस ट्रैक्टर पर काम कर रहा है और 2024 तक इसे लांच करने की तैयारी में है।
परिवार के किसी सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए, बिना किसी परेशानी और ज़्यादा समय लगाए सारी व्यवस्था करने में लोगों की मदद कर रहा है दिल्ली का स्टार्टअप 'लास्ट जर्नी'।
केरल में रहने वाली जैमी साजी ने देखा कि लोग कटहल खाकर बीजों को फेंक देते थे; लेकिन यह तो सेहत के लिए बहुत ज़्यादा फ़ायदेमंद होते हैं! बस तभी उन्हें अपने स्टार्टअप 'होली क्रॉस इंडस्ट्रीज़' का आईडिया आया और वह एक गृहिणी से बन गईं सफल बिज़नेसवुमन।
मिलिए 57 वर्षीया निष्ठा सूरी से, जिन्होंने 55 की उम्र में जीवन की एक नई पारी की शुरुआत की और अपनी हॉबी को अपना बिज़नेस बना लिया। पढ़ें, उनके हैंडमेड होम डेकॉर बिज़नेस के बारे में।
मिलिए उत्तर प्रदेश के चिरोड़ी गांव के 25 वर्षीय मास्टर सचिन बैंसला से, जिन्हें एक समय पर स्टार्टअप शुरू करने के लिए ढेरों ताने सुनने पड़े थे। लेकिन आज उनका पूरा गांव उन्हीं के नाम से जाना जाता है। पढ़ें, इस युवा के सफलता की कहानी।
इंदौर के अमन पोरवाल अपने स्टार्टअप ‘मॉम्सकार्ट’ के ज़रिए देशभर की हज़ारों महिलाओं को घर बैठे अपने प्रोडक्ट्स देशभर तक पहुँचाने का प्लेटफॉर्म दे रहे हैं।
केरल, कोड़िकोड के दो दोस्त मिधुन और डॉ. सुभाशीष दामोदर, एक सस्टेनेबल जीवन जीने में विश्वास रखते हैं। सालों से वे पर्यावरण के अनुकूल बिज़नेस करने के लिए रिसर्च कर रहे थे और हाल में वे भांग के बीज से मिल्कशेक बना रहे हैं। पढ़े उनके इस अनोखे कैफ़े के बारे में।
मिलिए नागपुर की रहनेवाली प्रीति हिंगे से, जिन्होंने अपने बढ़ई पिता से फर्नीचर बनाने की कला सीखी और शादी के बाद घर चलाने के लिए इसे ही अपना काम बना लिया।
भोपाल का ‘द कबाड़ीवाला’ देश के पांच शहरों से कबाड़ इकट्ठा करके उसे रीसायकल करने का काम कर रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, मध्यप्रदेश के अनुराग असाटी और उनके पार्टनर कवीन्द्र रघुवंशी ने इसकी शुरुआत की थी।