मंजू नाथ और उनकी पत्नी गीता ने बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इको फ्रेंडली घर बनाया है। बिजली-पानी के साथ, अपने उपयोग के लिए सब्जियां उगाने के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
पढ़िए गुजरात के इस शिक्षक दंपति की कहानी, जिनका घर पूरी तरह से प्रकृति पर आधारित है। बिजली से लेकर पानी तक, यहाँ सबकुछ सोलर और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर चलता है।
वारंगल जिले में गोपालपुरम गाँव के रहने वाले राजू मुप्परापु ने एक सामान्य साइकिल में बदलाव करके इसे सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल में तब्दील कर दिया है। इससे पहले भी वह कई आविष्कार कर चुके हैं।
'पूसा फार्म सनफ्रिज' को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि इंजीनियरिंग विभाग की प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. संगीता चोपड़ा और उनकी टीम ने अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर बनाया है। इस कोल्ड स्टोरेज सुविधा को किसानों के लिए खेतों, मंडियों या बाज़ारों में भी बनाया जा सकता है।
पुणे के रहने वाले अभिषेक माने और उनका परिवार पिछले 4 सालों से घर में बिजली की आपूर्ति तथा अपने चार इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए, सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। महीने में उनका बिजली बिल सिर्फ 70 रूपये आता है।