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Bancha Village: देश का पहला गांव जहां सभी घरों में सोलर एनर्जी से बनता है खाना

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले का बांचा गांव देश का पहला ऐसा गांव है, जहां न किसी घर में लकड़ी के चूल्हे का इस्तेमाल होता है और न ही एलपीजी सिलेंडर का। जानिए कैसे बदली इस आदिवासी बहुल गांव की किस्मत!

बुनकरों के ज़ख्म देख बनाई सोलर सिल्क मशीन, 12000+ महिलाओं को दी नई उम्मीद

मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले कुणाल वैद पहले टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम करते थे, लेकिन 2011 में झारखंड दौरे के दौरान महिला बुनकरों को हाथ से रेशम का धागा बनाते देख, उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली।

एक मछुआरे ने You Tube के जरिए कैसे किया अपने कस्बे को रौशन, जानिए यहां

तमिलनाडु के तूतुकुड़ी में रहने वाले एम शक्तिवेल के कस्बे में पहले बिजली की कोई सुविधा नहीं थी। उनके प्रयासों से कस्बे में 15 सोलर पैनल लगे और लोगों की जिंदगी से अंधेरा हमेशा के लिए दूर हो गया। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

दशकों से अंधेरे में डूबा था नागालैंड का यह गांव, शिक्षक ने दिखाई 60 परिवारों को रौशनी

नागालैंड का शिन्न्यु गांव (Nagaland Village) भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है। 44 साल पहले बसे इस गांव में बिजली की कोई सुविधा न थी। लेकिन, एक सरकारी शिक्षक के सोशल मीडिया पोस्ट ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!

कच्छ का रण: जानिए 4000+ सोलर पैनल से कैसे आबाद हुआ ‘नमक का रेगिस्तान’

गुजरात स्थित कच्छ का रण में ‘अगरिया समुदाय’ के लोग सदियों से नमक की खेती कर रहे हैं। सौर ऊर्जा के इस्तेमाल ने इन किसानों को एक नई उम्मीद दी है।

बिना बिजली कनेक्शन भी इस चाय की स्टॉल में जलती हैं 9 लाइटें, चलता है FM रेडियो

By निशा डागर

तमिलनाडु में चेन्नई के महिंद्रा वर्ल्ड सिटी में चाय का स्टॉल चलाने वाले एस. दामोदरन पिछले छह महीने से सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस कारण छह महीने से उन्हें न तो बिजली की समस्या हुई है और न ही बिजली के लिए कहीं और पैसे खर्चने पड़े हैं।

बारिश का पानी नहीं जाता इस घर से बाहर, सोलर कुकर में बनता है, घर में उगी सब्जियों से सेहतमंद खाना

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के रविकला और प्रकाश बालिगा अपने घर में प्राकृतिक संसाधनों के ज्यादा से ज्यादा उपयोग पर जोर देते हैं।

एक घर ऐसा भी: न कोई केमिकल घर आता है, न कोई कचरा बाहर जाता है

By निशा डागर

देहरादून, उत्तराखंड की रहनेवाली, 47 वर्षीया अनीशा मदान पिछले 12-13 सालों से स्वस्थ और इको-फ्रेंडली जीवन जी रही हैं। जानिए कैसे आया यह बदलाव।

बिजली-पानी मुफ्त और खाना बनता है सोलर कुकर में, बचत के गुर सीखिए इस परिवार से

By निशा डागर

गुजरात के भरुच में रहनेवाली 29 वर्षीया अंजलि और उनका परिवार 'सस्टेनेबल' तरीकों से जीवन जी रहा है।

न बिजली-पानी का बिल, न सब्जी-फल का खर्च, कच्छ की रेतीली जमीन पर बनाया आत्मनिर्भर घर

By प्रीति टौंक

कच्छ का भुज शहर, अपनी रेतीली मिट्टी और कम वर्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन भुज के गोर परिवार ने एक ऐसा हरा-भरा आशियाना बनाया है, जो पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और आत्मनिर्भर है।