हरियाणा में फतेहाबाद के रहने वाले शिक्षक प्रमोद गोदारा और उनकी पत्नी, ASI चंद्र कांता पिछले ढाई-तीन सालों से जैविक खेती कर रहे हैं और अपने खेतों पर 'एग्रो-टूरिज्म' को विकसित कर रहे हैं।
आंध्र प्रदेश के कदिरी में, आरटीसी बस डिपो के एक बस कंडक्टर थोटा श्रीधर, हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर ‘जिला परिषद हाई स्कूल’ में गरीब छात्रों की मदद के लिए, 20 से 25 हजार रुपये का आर्थिक योगदान करते हैं।
4 मई 2021 से शुरू होने वाली केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों को इसकी तैयारी के लिए, कुछ जरूरी टिप्स और रणनीतियां बता रहे हैं, साल 2019 में सीबीएसई बोर्ड से दसवीं की परीक्षा में 97.4% अंक हासिल करने वाले अर्जुन बेदी।
बेंगलुरु के 9वीं कक्षा के छात्र, 14 वर्षीय ऋषभ प्रशोभ, पिछले दो सालों से जल-संरक्षण पर काम कर रहे हैं और एक साल में वह 70 लाख लीटर पानी बचाने में सफल हुए हैं।
केरल के रहने वाले 93 वर्षीय चिदंबरम नायर एक सेवानिवृत्त शिक्षक और जैविक किसान हैं, जो काफी समय से जैविक खेती कर रहे हैं, और अपने घर के लिए लगभग सभी खाने की चीज़े खुद उगाते हैं!
"हमने एक महिला को कूड़े के ढेर पर बैठकर मल खाते हुए देखा और इस दृश्य ने हमें झकझोर कर रख दिया। उसी दिन हमने तय किया कि हमें कुछ करना होगा।" - डॉ. राजेंद्र
पूर्व-IES अफसर अखंड स्वरूप पंडित ने UPSC के अलावा Gate, NET, MPPSC, HPPSC जैसी परीक्षाएं भी पास की हैं। सभी परीक्षाओं में उनकी रैंक ऑल इंडिया टॉप 10 में रही!