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इन छोटी-छोटी बातों का रखें ध्यान, तो बारिश में खूबसूरत बना रहेगा आपका गार्डन

By प्रीति टौंक

यह मौसम पौधों की कटिंग के साथ, नए पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा समय है, चलिए जानें और क्या तैयारी करनी चाहिए इस मौसम में।

आखिर क्यों लाखों में बिकते हैं इस बागान के आम, किसान ने क्यों लगायी कड़ी सुरक्षा?

By प्रीति टौंक

मिलिए जबलपुर में फलों की खेती से जुड़े 47 वर्षीय किसान संकल्प सिंह परिहार से, जिन्होंने कभी परिवार के खिलाफ जाकर खेती को अपनाया था और आज अपनी खेती को ही फायदे का बिज़नेस बना लिया है। उनके बागानों में देशी-विदशी कई दुर्लभ किस्मों के आम कड़ी सुरक्षा में उगते हैं।

पटना में कहीं नहीं मिलते जो पौधे, वे हजारों में बिकते हैं अमृता की टेरेस नर्सरी में

By प्रीति टौंक

पटना की अमृता सौरभ यूं तो बचपन से अपने पिता को गार्डनिंग करते देखती थीं, लेकिन ससुराल आकर उन्होंने अपना खुद का गार्डन बनाना शुरू किया और कई देशी-विदेशी सजावटी पौधों से यहां हरियाली फैला दी। अब वह दूसरों के गार्डन डिज़ाइन करने का भी काम कर रही हैं।

कहीं गर्मी तो कहीं बारिश, ऐसे समय में किचन गार्डन में लगा सकते हैं ये पांच सब्जियां

By प्रीति टौंक

वर्षों से गार्डनिंग करनेवाली होम गार्डनर पल्लवी आचार्या से जानते हैं कि जून का महीना किन सब्जियों की बुवाई के लिए बेहतरीन है।

अब तक 30 अविष्कार कर चुके किसान के इस बेटे ने अब जुगाड़ से बनाई इलेक्ट्रिक विंटेज कार

By प्रीति टौंक

मिलिए अहमदनगर, महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव निंभारी के 21 वर्षीय युवराज पवार से। जो हाल ही में एक इलेक्ट्रिक विंटेज कार बनाकर अपने गांव सहित देशभर में छा गए हैं।

पैसे पेड़ से कमाए जा सकते हैं! इस युवा की कहानी पढ़कर आप भी इस बात कर लेंगे यकीन

By प्रीति टौंक

निर्मल (तेलंगाना) के रहनेवाले राहुल कोप्पुला ने बचपन में ‘पैसे पेड़ पर नहीं उगते’ वाली कहावत इतनी बार सुनी कि उन्होंने बड़े होकर इसे सच करने का मन बना लिया। आज वह ट्री हाउस होटल से सालाना एक करोड़ टर्नओवर कमा रहे हैं।

द बेटर इंडिया की कहानी का असर, सत्यप्रकाश के बिज़नेस से जुड़ना चाह रहे देशभर से दिव्यांगजन

By प्रीति टौंक

बनारस के रहनेवाले 25 वर्षीय सत्यप्रकाश मालवीय नेत्रहीन होते हुए भी अपने घर से मसालों का बिज़नेस चलाते हैं। द बेटर इंडिया हिंदी पर उनकी कहानी पढ़ने के बाद, उन्हें देश भर से दिव्यांगजनों ने सम्पर्क किया और कई लोग उनसे जुड़कर काम भी करना चाहते हैं।

विदेश की नौकरी छोड़ बन गए गाँववाले और यूट्यूब से कमाने लगे लाखों रुपये

By प्रीति टौंक

गुजरात, पोरबंदर के एक छोटे से गांव बेरन के रहनेवाले रामदे और भारती खुटी ने लंदन में नौकरी छोड़कर भारत में खेती से जुड़ने का फैसला किया। आज अपने यूट्यूब चैनल के जरिए वे अपने गांव के प्रति प्यार को दुनिया को दिखा रहे हैं और इससे अच्छे पैसे भी कमा रहे हैं।

टीचर की नौकरी गई तो बन गए किसान, घर पर ही मोती उगाकर शुरू कर दिया काम 

By प्रीति टौंक

कम निवेश और कम देखभाल में ज्यादा मुनाफे के लिए मोती की खेती कर रहे अजमेर, रसूलपुरा गांव के 41 वर्षीय रजा मोहम्मद ने प्रयोग के तौर पर एक छोटी सी शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।