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एक अधिकारी ने की पहल और पूरा गांव बन गया इको फ्रेंडली

By प्रीति टौंक

ओडिशा के देबरीगढ़ अभ्यारण्य के पास बसे गांव ढोड्रोकुसुम में, पिछले एक साल से सभी ईको-फ्रेंडली जीवन जी रहे हैं ताकि जंगल के सभी वन्य प्राणी भी प्राकृतिक माहौल में जी सकें। यह सब मुमकिन हुआ यहां की DFO अंशु प्रज्ञान दास की पहल की वजह से।

इस शख़्स की पहल से रोज़ साफ हो रहा हिमालय से 5 टन कचरा

By प्रीति टौंक

साल 2016 से प्रदीप सांगवान, हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की मुहिम में लगे हैं। उनकी संस्था 'हीलिंग हिमालय' के वेस्ट कलेक्शन सेंटर में आज हर दिन 5 टन कचरा जमा होता है।

अब किराए पर ले सकते हैं सब्ज़ी का थैला! इस डॉ. के 'विकल्प' से कम होगी प्लास्टिक की समस्या

By रोहित मौर्य

दिल्ली की डॉ. रूबी मखीजा पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर काफ़ी सतर्क रहती हैं और इसीलिए उन्होंने शहर में बढ़ रही प्लास्टिक की समस्या को कंट्रोल करने के लिए प्रोजेक्ट ‘विकल्प’ की शुरुआत की। उन्होंने नवंबर 2021 में दिल्ली की मार्केट में ‘विकल्प स्टाल्स’ खोले, जहाँ से आप कपड़े का थैला उधार ले सकते हैं।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक बंद होने के बाद शुरू हुआ अनोखा कैफ़े, प्लास्टिक के बदले मिलेगा फ्री खाना

By प्रीति टौंक

देशभर में जहां सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगा है, ऐसे में लोगों को प्लास्टिक रीसायकल के लिए प्रेरित करने के लिए जूनागढ़ में एक अनोखी पहल की जा रही है। यहां आप प्लास्टिक जमा करके मुफ्त में खाना खा सकते हैं।

रिटायर्ड क्लर्क की अपील का असर, पंचायत में अब इस्तेमाल होते हैं सिर्फ स्टील के बर्तन

By अंकित कुंवर

केरल के शंकरन मूसाद वज़क्कड़ पंचायत में रहते हैं। वे 56 साल के हैं। शंकरन मूसाद एक रिटायर्ड क्लर्क हैं। वह भारत सरकार द्वारा एकल उपयोग में आने वाली प्लास्टिक के वस्तुओं को खत्म करने को लेकर चलाए जा रहे अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं।

बच्चों की पहल, घर घर प्लास्टिक इकट्ठा कर, बना दिए पब्लिक बेंच

By निशा डागर

फरीदाबाद में ऑटो पिन स्लम में रहने वाले 20-25 बच्चों ने पहले साथ में मिलकर प्लास्टिक की खाली-बेकार पड़ी बोतलों और अन्य कचरे से 300 से भी ज्यादा 'इको ब्रिक' बनाई हैं और इन इको ब्रिक का इस्तेमाल उन्होंने अपने स्लम में 'इको बेंच' बनाने के लिए किया है।

चार दोस्तों का कमाल, 5 लाख बेकार प्लास्टिक की बोतलों से अंडमान में बनाया रिसॉर्ट!

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में रहने वाले जोरावर पुरोहित ने साल 2017 में, अपने तीन दोस्तों अखिल वर्मा, आदित्य वर्मा और रोहित पाठक के साथ मिलकर आउटबैक हैवलॉक को शुरू किया। यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। इस द्वीप पर बेकार पड़े 5 लाख बोतलों को रीसायकल कर बनाया गया है।

IFS Officer ने बाँस से बनाया झाड़ू का हैंडल, करीब 1000 आदिवासी परिवारों को मिला रोज़गार

त्रिपुरा में तैनात IFS Officer प्रसाद राव ने प्रकृति में प्लास्टिक की रोकथाम के लिए अपनी कोशिश के तहत, झाड़ू के हैंडल के लिए प्लास्टिक की जगह, बाँस का इस्तेमाल किया।

समुद्री जीवों को खुश रखने के लिए इस युवती ने शुरू किया 'द हैप्पी टर्टल'!

By निशा डागर

हर साल 10 लाख समुद्री जीव प्लास्टिक के कचरे की वजह से मरते हैं और इसे सिर्फ आप रोक सकते हैं, जानिए कैसे!

साइकिल पर जाकर कपड़े के थैले बाँट रही यह महिला, छेड़ी प्लास्टिक-मुक्त शहर की मुहिम!

By निशा डागर

उन्होंने शहर में स्टील के बर्तनों का एक बैंक भी शुरू किया है। यहाँ से किसी भी आयोजन के लिए बर्तन लिए जा सकते हैं।