कृषि में हरे सोने के नाम से जाना जाता है शैवाल, जिसकी मांग आज दवाई से लेकर ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में काफी ज्यादा है। एक वक्त था जब आम लोग ही नहीं किसान भी इस सुपरफूड और इसके गुणों से अंजान थे, लेकिन हिम्मत करके एक महिला किसान ने 10 साल पहले इसे उगाना शुरू किया और आज इसे देश के 1200 से ज्यादा किसानों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
राजस्थान की तेज धूप में जहां पीने को पानी नहीं ऐसी जगह अगर विनोद भारती मोती की सफल खेती करके इसे विदेशों तक बेच सकते हैं तो आप भी मोती की खेती से संवार सकते हैंअपना भविष्य।
देश के मशरूम कैपिटल सोलन में केसर उगाकर, एक नए रोजगार को बढ़ावा दे रहे हैं 36 साल के गौरव सभरवाल। एक जूते बेचने बेचने वाले से किसान बनने की कहानी आपको जरूर रोचक लगेगी।
क्या आप तीर्थन घाटी में पारंपरिक हिमाचली होमस्टे की तलाश कर रहे हैं? तो आपकी तलाश डाल्टन्स विलेज पर समाप्त होती है, जहाँ आपको शुद्ध हिमाचली और सस्टेनेबल लाइफ के साथ कुछ मजेदार एक्टिवीटीज़ का अनुभव लेने का मौका भी मिलेगा।
कर्नाटक के एक किसान करिबसप्पा एमजी ने अपनी फसलों से कीड़ों को दूर रखने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके एक मशीन तैयार किया है, जिसका फ़ायदा आज दुनियाभर के किसानों को मिल रहा है।
सिक्किम के दो भाई अभिमन्यु और अभिनन्दन ढकाल ने एक लुप्त होती फसल को बचाकर न सिर्फ अपने लिए एक अनोखा बिज़नेस खोजा, बल्कि 500 किसानों को आठ गुना मुनाफा कमाने का मौका भी दिया है।
आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में सालों से बंजर पड़ी 13,900 स्क्वायर फीट की ज़मीन को बेंगलुरु के पुष्पा और किशन कल्याणपुर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत और कोशिशों से न केवल उपजाऊ बना दिया, बल्कि यहाँ बनाया है 'वृक्षावनम' नाम का एक विशाल और सुन्दर फ़ूड फॉरेस्ट भी, जो आज उनके सस्टेनेबल घर की पहचान बन चुका है।
पगडंडी सफारीज़ के को-फाउंडर्स मानव खंडूजा और श्यामेंद्र सिंघारे ने प्रकृति से लगाव और प्यार के चलते साल 1986 में मध्य प्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क में कुछ टेंट्स लगाकर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और आज यह Pugdundee Safaris Camp एक या दो नहीं, बल्कि हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसी 7 अलग-अलग जगहों पर जगलों के बीचो बीच बने हैं।