10वीं पास किसान का आविष्कार, दुनिया के 18000 किसानों के आ रहा है काम

solar insect trap innovation

कर्नाटक के एक किसान करिबसप्पा एमजी ने अपनी फसलों से कीड़ों को दूर रखने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करके एक मशीन तैयार किया है, जिसका फ़ायदा आज दुनियाभर के किसानों को मिल रहा है।

कहते हैं न, आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है! कर्नाटक के एक किसान ने अपने आविष्कार से इसे सच साबित किया है।  जी हाँ, करिबसप्पा एमजी ने अपनी मुसीबतों का हल खोजते-खोजते एक ऐसी कमाल की मशीन बनाई है, जिसका फायदा आज देश ही नहीं दुनिया भर के छोटे किसानों को हो रहा है। 

उनके आविष्कार का नाम है ‘सोलर इंसेक्ट ट्रैप’, जो बिना किसी दवाई और महंगे खर्चे के फल और फूल के खेतों से कीड़ों को मारने का काम करता है। सबसे अच्छी बात है कि, यह बिजली और महंगे केमिकल की तुलना में काफी कारगर तरीका है। अब उनका बनाया यह सोलर इंसेक्ट ट्रैप दुनिया भर के 18000 किसानों के काम आ रहा है।  

अपनी फसलों को बचाने के लिए किया आविष्कार 

solar insect trap

एक किसान के बेटे करिबसप्पा, महज 10वीं की पढ़ाई के बाद अपने पिता की खेती से जुड़ गए थे।  उस दौरान उनके पिता पारंपरिक खेती कर रहे थे। छोटी सी उम्र से ही करिबसप्पा खेती की बारीकियों को सीखने लगे। समय के साथ, पारंपरिक फसलों से आगे बढ़कर साल 2012 में उन्होंने फलों की खेती करना शुरू किया। 

पहले साल उन्होंने अनार की खेती शुरू की, दिन-रात की मेहनत और लगन से फसल तो अच्छी हुई,  लेकिन कटाई से पहले ही उनकी फसलों में कीड़े लग गए। 

इसके बाद पास के कृषि वैज्ञानिक केंद्र से मदद मांगने पर उन्हें कीटनाशक के छिड़काव की सलाह मिली। कृषि एक्सपर्ट ने उन्हें पांच एकड़ खेत में दवाओं के छिड़काव की सलाह दी थी,  जिसका खर्चा लगभग 4 लाख रुपये था। इस खर्चे की चिंता ने उनकी रातों की नींद उड़ा दी। 

ऐसे में एक बार उन्होंने देखा कि खेत के पास लगे एक सोलर बल्ब के नीचे ढेरों कीड़े मरे हुए पड़े थे। इसी से उन्हें एक कमाल का आईडिया मिला। करिबसप्पा ने फिर  एक सामान्य DC solar bulb और पानी के टब के साथ एक स्टैंड नुमा Solar Insect Trap बनाया। 

जिसमें उन्होंने ऑटोमेटिक On-Off बटन भी लगाया। ताकि रात के करीब 10 बजे लाइट बंद हो जाए, जिससे मधुमक्खी और फसलों के लिए अच्छे माने जाने वाले कीट न मरें।  

जीते कई अवार्ड भी 

उनके इस छोटे से मगर बेहद ही कारगर आविष्कार को कृषि विज्ञान केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद उन्होंने इसे दूसरे किसानों के लिए बनाना शुरू किया। 

आज वह अपनी खुद की कंपनी MGK के ज़रिए खेती के साथ-साथ सोलर इंसेक्ट ट्रैप बनाकर बेच भी रहे हैं। 

इस आविष्कार के लिए करिबसप्पा को इन्फोसिस फाउंडेशन का आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड भी मिल चुका है। आप करिबसप्पा और उनके इनोवेशन के बारे में अधिक जानने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर संपर्क कर सकते हैं। 

यह भी पढ़ें- इंजीनियर के बनाए सस्ते सोलर ड्रायर का कमाल, मालामाल हो रहे छोटे किसान

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X