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Organic Agriculture

MNC में नौकरी छोड़ शुरू किया पोर्टेबल टेरेस फार्मिंग बिजनेस, 1500+ घरों को जोड़ा खेती से

जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।

उत्तराखंड: अलग-अलग काम किए पर नहीं मिली सफलता, अब जैविक खेती से कमाते हैं लाखों

By निशा डागर

टिहरी गढ़वाल के मैड तल्ला गांव में रहने वाले सुंदर लाल चमोली और उनकी पत्नी बिगुला चमोली पिछले 20 सालों से भी ज्यादा समय से पहाड़ों में जैविक तरीकों से खेती कर रहे हैं।

उत्तराखंड: नौकरी के साथ अपने छोटे से खेत में जैविक खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं पवन!

By निशा डागर

एक एकड़ से भी कम ज़मीन में पवन ने दाल, रागी, चेरी टमाटर और लैटस जैसी सब्ज़ियों के साथ-साथ लगभग 150 फलों के पेड़ भी लगाएं हैं!

दुबई की नौकरी छोड़ लौट आए स्वदेश, अब उगाते हैं 550 प्रकार के फल!

By पूजा दास

विलियम जब दुबई से नौकरी छोड़ अपने घर वापस लौटे और फलों की खेती शुरू की तो उनके दोस्तों और रिश्तेदारों को यह फैसला अजीब लगा। उन्होंने विलियम को आगे बढ़ने से हमेशा हतोत्साहित किया। लेकिन आज विलियम की सफलता ने उन्हें गलत साबित कर दिया है!

इंजीनियर बना किसान: झारखंड में पुरखों की जमीन को बनाया किसानों की उम्मीद

आज करीब 80 स्थानीय किसान राकेश महंती से जुड़ कर 50 एकड़ ज़मीन पर काम कर रहे हैं। इन किसानों को हर माह निश्चित वेतन के साथ ही लाभ का 10 प्रतिशत दिया जाता है।

12 साल से छत पर खेती कर, पड़ोसियों को भी मुफ्त में सब्जियां खिला रहे हैं महेंद्र साचन

By साधना शुक्ला

10-12 सालों में उन्होंने आसपास समेत कई दोस्तों के घरों में भी किचन गार्डन बनवा दिए हैं।

प्रोफेसर बना कृषि इनोवेटर, सौर ऊर्जा से किया किसानों का काम आसान!

By निशा डागर

"मैंने अपनी पढ़ाई के दौरान एक विषय पढ़ा था 'एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग' यानी कि 'कृषि अभियांत्रिकी' और मुझे उस विषय में बहुत दिलचस्पी रहती थी। इसलिए, जब मुझे मशीन नहीं मिली तो मैंने सोचा कि क्यों न अपने अनुभव को इस्तेमाल करके किसानों की ज़रूरत के हिसाब से मशीन तैयार की जाए।"

राजस्थान का 'सौंफ किंग' : इन छोटे-छोटे प्रयोगों से बढ़ाई उपज, आज सालाना टर्नओवर है 30 लाख रूपये!

इस किसान ने अपनी बुद्धिमत्ता से साल-दर-साल सौंफ के अच्छे बीज का चयन करते हुए आबू क्षेत्र की सौंफ में एक नई किस्म जोड़ दी, जिसे आज ‘आबू सौंफ 440’ नाम की एक श्रेष्ठ किस्म के रूप में जाना जाता है।