छत्तीसगढ़ के बावा मोहतारा गांव में गंगाराम नाम के एक मगरमच्छ, को समर्पित करते हुए एक अनोखा स्मारक बनाया गया है। गंगाराम की कहानी मानव-पशु के सह-अस्तित्व के लिए एक आशा की किरण है।
बचपन की दोस्त अनुजा और स्नेहा ने महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले के लोनेरे गांव में बने अपनी दादी के घर को 'द कोकम ट्री' नाम के इको-फ्रेंडली होमस्टे में बदल दिया।
मुंबई की हेमांगी और प्रशांत नकवे ने अपने बिज़नेस 'हेमा की वेज रसोई' के जरिए, दो सालों में ही 10 हजार लोगों तक स्वादिष्ट और हेल्दी महाराष्ट्रीयन डिश नए ट्विस्ट के साथ पहुंचाया है।
चिड़ियों की चहचहाहट और तितलियों के रंगों से सजे छोटे से 'Art Village Karjat' को मुंबई की गंगा कडाकिया ने बनाया है। यहां कला और सस्टनेबिलिटी का संगम है, जहां सुकून से बैठ प्राकृतिक इकोसिस्टम को बनता और काम करता देख सकते हैं आप।
जलगांव, महाराष्ट्र के 75 वर्षीय सुभाष जगताप ने चंदन की लकड़ी का पेस्ट बनाने वाली मशीन बनाई है। यह बिजली से चलती है और एक घंटे में पांच किलो पेस्ट बना देती है।
31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।
पहले जहां पारंपरिक खेती से घर का गुजारा मुश्किल से चलता था, वहीं आज अपनी मेहनत और कुछ नए प्रयासों की बदौलत लाखों कमा रहे हैं, महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान तुकाराम गुंजल।
महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले 29 वर्षीय प्रदीप जाधव, साल 2018 से अपना फर्नीचर और होम डेकॉर का बिज़नेस चला रहे हैं। उनके स्टार्टअप का नाम ‘Gigantiques’ है, जिसके अंतर्गत, वह इंडस्ट्रियल वेस्ट को अपसायकल करके, फर्नीचर और होम डेकॉर का सामान बनाते हैं।