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3200 किमी की पैदल लद्दाख यात्रा और 7 महीनों का समय, जानना चाहेंगे कैसे हुआ मुमकिन?

By प्रीति टौंक

मिलिए पुणे के निखिल सावलापुरकर और परिधि गुप्ता से, जिन्होंने सात महीने में लद्दाख की यात्रा किसी बाइक या जीप के बजाय पैदल की है। मगर उन्होंने क्यों किया ऐसा और क्या सीख मिली इससे उन्हें, जानने के लिए ज़रूर पढ़ें उनकी कहानी।

पैसे नहीं तो क्या? जज़्बा तो है! स्कूटी से की हैदराबाद से लद्दाख तक की सैर

By निशा डागर

प्रदीप ने हैदराबाद से लेह-लदाख तक का सफर किसी महँगी बाइक या फ्लाइट से तय नहीं किया है। वह अपनी एक्टिवा स्कूटी पर हैदराबाद से लद्दाख पहुंचे हैं।

होम स्टे के ज़रिये बचाया विलुप्त हो रहे हिम तेंदुओं को, दो लद्दाखियों की अद्भुत कहानी

By द बेटर इंडिया

दो लद्दाखी वन्य जीव संरक्षकों की बदौलत आज हिम तेंदुओं का अस्तित्व है। उन्होंने हिम तेंदुओं को होम स्टे के ज़रिये कैसे बचाया, यह उसकी रोचक कहानी है।

EV का है ज़माना! इस ई-साइकिल को एक बार करिये चार्ज और 100 किमी घूमिये नॉनस्टॉप

By प्रीति महावर

दिल्ली स्थित इस EV स्टार्टअप ने एक ऐसी ई-साइकिल लॉन्च की है, जो एक चार्ज पर 100 किमी तक चलती है।

दिल्ली टू लेह: जानिए, जमी हुई नदी पर पिकनिक मनाने के लिए कैसी होनी चाहिए तैयारी

By अलका कौशिक

चलिए दिल्ली से लेह तक के रोमांचक सफर में, अलका कौशिक के साथ। इस सफरनामे में, लेह-लद्दाख की ख़ूबसूरती बयान करते हुए, वह आपको वो सारे टिप्स भी देंगी, जो आपकी इस यात्रा के लिए ज़रूरी हैं।

लद्दाख: जहाँ मोबाइल, टी.वी पर भी थी रोक, उस समुदाय की पहली वकील बन बदली सोच

लद्दाख के बोग्दंग गाँव की रहने वाली जुलेखा बानो अपने ‘बाल्टी समुदाय’ में वकील बनने वाली पहली महिला हैं। लेकिन, उनका यह सफर कई कठिनाइयों से भरा रहा है। यहाँ पढ़िए, उनकी प्रेरक कहानी!

जैविक खेती, सोलर तकनीक और प्रोसेसिंग के ज़रिए 650 किसानों का जीवन संवार रही हैं नेहा

By निशा डागर

किसान जिस खुबानी को पहले 190 रुपये किलो तक बेचते थे, अब वही प्रोसेसिंग के बाद 650 रुपये किलो तक जाता है!

गूगल मैप पर भी नहीं है जिन गांवों का निशान, वहां बिजली पहुंचा रहा है यह इंजीनियर!

By निशा डागर

लद्दाख के सुमदा चेंमो गाँव में जब पारस लूम्बा और उनकी टीम ने बिजली लगाई तो जलते हुए बल्ब को देखकर एक बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा घर रात में भी रौशन हो सकता है।"

लद्दाखी खाने को विश्वभर में पहचान दिला रहीं हैं यह महिला!

By निशा डागर

निलज़ा वांगमो ने 'अलची किचन' शुरू करने के लिए लोन लिया था और आज तीन साल बाद, वे लद्दाख में इसकी तीन शाखाएं सफलता से चला रही हैं!