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दिल्ली शहर के बीचोंबीच प्रकृति से घिरा है यह अनोखा मिट्टी का घर

दिल्ली की गर्मी में भी, बिना पंखे और AC के कोई रह सकता है क्या? जी हाँ, लेकिन सिर्फ़ मिट्टी से बने 'वन भोज' में!

सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली अर्थ हाउस ‘ब्रीथ', नीव से लेकर दीवारों तक सबकुछ है प्राकृतिक

बेंगलुरु के बाहरी इलाके कागलीपुरा में 8,000 sq.ft ज़मीन पर बने इस घर का नाम है- ‘Breathe’. जैसा नाम वैसा ही काम; यह सस्टेनेबल घर अपने अनोखे डिज़ाइन के कारण आम घरों के मुकाबले काफ़ी खुला, हवादार और सुकून भरा है।

पहाड़ पर बसे पुश्तैनी घर को बनाया होमस्टे, लोगों को सिखा रहे हैं सस्टेनेबल लिविंग के तरीके

सस्टेनेबल लिविंग को ध्यान में रखकर Bir Terraces को पारंपरिक पहाड़ी तरीके से बनाया गया है। वादियों में बसे इस घर को बनाते समय एक भी पेड़ नहीं काटा गया और इसे बनाने में रीसाइकल्ड लड़की जैसी प्राकृतिक चीज़ों का ही इस्तेमाल किया गया है।

रेन लिली की एक-दो नहीं, बल्कि 200 किस्में हैं प्रशांत के पास, जानें कैसे करते हैं देखभाल

By प्रीति टौंक

मुज़फ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) के प्रशांत शर्मा को अपनी दादी और पापा से गार्डनिंग का शौक़ मिला था। आज उनके घर में विदेशी किस्मों के कई फूल खिलते हैं, रेल लिली का उनके पास जो कलेक्शन है, वह तो शायद ही किसी के पास होगा।

70 की उम्र में बागवानी करके जवां हैं यह रिटायर्ड इंजीनियर, घर पर लगाए 8000 पौधे

By प्रीति टौंक

नवसारी (गुजरात) के डूंगरी गांव में बना, रिटायर्ड इंजीनियर सुरेशचंद्र पटेल का घर किसी फार्म हाउस से कम नहीं है। उनका पूरा परिवार साथ मिलकर 8000 से ज्यादा पौधों की देखभाल करता है।

‘लोग घर में बगीचा बनाते हैं, मेरे बगीचे में घर है’- इस शख्स के गार्डन में हैं 1000 पौधे

By पूजा दास

आगरा के रहनेवाले चंद्र शेखर शर्मा ने अपने घर में करीब 400 किस्मों के पौधे लगाए हैं। इस हरियाली के साथ उनके घर पर अपना एक इकोसिस्टम भी तैयार हो गया है, जिसके कारण आगरा की भीषण गर्मी में भी उनके घर के अंदर का तापमान 4 से 5 डिग्री कम रहता है।

फूलों के शौक़ीन बिहार के इस सिपाही ने घर को बनाया जन्नत, उगाए 500 से ज्यादा सजावटी पौधे

By प्रीति टौंक

आर्मी से रिटायर होने के बाद, खगरिया (बिहार) के जितेंद्र कुमार ने गार्डनिंग को अपना ज्यादा समय देना शुरू किया। उनके गार्डन की सुंदरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि मात्र एक हफ्ते पहले ही उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने गार्डन की फोटोज़ डालीं, जिसे 17 हजार से ज्यादा लोगों ने पसंद किया।

पुणे: छह साल पहले तक एक पौधा लगाना भी नहीं आता था, आज बालकनी में बनाया अर्बन फॉरेस्ट

By प्रीति टौंक

मिलिए पुणे की डेटा साइंटिस्ट मानसी दुनाखे से, जिन्हें छह साल पहले तक पौधों की ज्यादा जानकारी नहीं थी। लेकिन उन्हें हरियाली वाली जगह में घूमना पसंद था। हरियाली के अपने इसी शौक़ के कारण, उन्होंने अपने घर को एक मिनी जंगल में बदल दिया है।

राजस्थान की भीषण गर्मी में भी इनके घर में रहती है ठंडक, वजह है 1500 पौधे

By प्रीति टौंक

कोटा, राजस्थान की रहने वाली पारुल सिंह को सात साल पहले तक गार्डनिंग की कोई जानकारी नहीं थी। न ही वह कोई पौधा उगाती थीं। लेकिन एक बार अपने बेटे के एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्हें गार्डनिंग का ऐसा शौक हुआ कि उन्होंने अपने घर में 1500 से ज्यादा पौधे उगा लिए।

नोएडा में ले आयीं हिल स्टेशन की ठंडक, घर पर उगाए 3000 से ज्यादा पौधे

By प्रीति टौंक

नोएडा के प्रदूषण और गर्मी में भी आलिया वसीम का घर रहता है किसी हिल स्टेशन जैसा ठंडा और घर आने वाला कोई भी मेहमान इसकी तारीफ किए बिना नहीं रहा पता। जानिए कैसे किया उन्होंने यह कमाल!