इंजीनियरिंग के बाद विदेश जाकर मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने और दुनिया घूमने का सपना देखने वाले दुष्यंत वशिष्ठ की पहचान आज बीर टैरेस होमस्टे के फाउंडर और मैनेजर के रूप में की जाती है। मार्च 2020 में महामारी ने कई लोगों की ज़िंदगी बदल दी और उन्हीं में से एक थे दिल्ली के 26 वर्षीय इंजीनियर दुष्यंत।
लॉकडाउन के दौरान ही उन्होंने ज़िन्दगी के नए मायने खोजे और अपने पुश्तैनी घर को एक होमस्टे में बदलने का फैसला किया।
उत्तराखंड के कुमाऊं में सात एकड़ की ज़मीन पर बसा है यह शानदार बीर टैरेस होमस्टे। यह घर दुष्यंत के लिए कभी हॉलीडे होम हुआ करता था, जहाँ आकर वह अपने दोस्तों और परिवार के साथ कभी-कभी छुट्टियां बिताते थे, लेकिन आज यह कई लोगों के लिए शहर की भाग-दौड़ और रफ़्तार भरी ज़िंदगी से ब्रेक लेने के लिए परफेक्ट जगह बन गया है।
शहरी जीवन से अलग, सुकून का अनुभव देता है यह होमस्टे
हिमालय की गोद में बसे बीर टैरेस में जो भी मेहमान रहने आते हैं, वह यहाँ की खूबसूरती और जीवन जीने के तरीके से प्रभावित होकर यहाँ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताकर ही जाते हैं। वहीं, दुष्यंत कहते हैं कि बीर टैरेस बनाने का उनका कभी प्लान नहीं था, यह पूरी तरह किस्मत का खेल था, लेकिन आज उन्हें इस पर गर्व महसूस होता है।
यह घर दुष्यंत के परदादा ने बनाया था। वह बताते हैं, “इस सफ़र की शुरुआत तब हुई, जब मैं परिवार के साथ पहाड़ पर बने अपने इस पुश्तैनी घर में दो महीने के लिए रहने गया था।” यहाँ आकर प्रकृति के बीच समय बिताना उनके लिए एक अलग अनुभव था।
इसी से प्रभावित होकर सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा और बाकी लोगों को भी इसका अनुभव देने के लिए दुष्यंत ने अपनी कॉलेज की दोस्त अवन्ति के साथ मिलकर इस हिल हाउस को सस्टेनेबल होमस्टे में बदलने का फ़ैसला किया। दुष्यंत के पिता और पेशे से आर्किटेक्ट प्रवीण वशिष्ट ने इस घर को सस्टेनेबल तरह से रीस्ट्रक्चर करने में उनकी मदद की और दिसंबर 2020 में बीर टैरेस ने पहली बार अपने मेहमानों का स्वागत किया।
पर्यावरण का ध्यान रखकर बनाया गया बीर टैरेस होमस्टे

विक्टोरियन शैली से बना तीन बेडरूम वाला यह घर, पेड़-पौधों और हरियाली से घिरा हुआ है, लेकिन इसे बनाने में एक भी पेड़ नहीं काटा गया। सस्टेनेबिलिटी का ध्यान रखते हुए इसे पत्थरों का इस्तेमाल कर पारंपरिक पहाड़ी तरीके से तैयार किया गया है और अंदर की फर्निशिंग के लिए रीसाइकल्ड लकड़ी जैसी प्राकृतिक चीज़ों का इस्तेमाल किया गया है।
यही नहीं, बीर टैरेस में ऑर्गेनिक फार्मिंग के ज़रिए स्ट्रॉबेरी, चेरी टमाटर, मूली, ब्रॉकली, अंगूर जैसे कई फल और सब्जियां भी उगाए जाते हैं। दुष्यंत की पार्टनर होने के साथ-साथ, अवन्ति एक प्रोफेशनल शेफ़ भी हैं और इस नाते वह अपने मेहमानों के सेहतमंद और स्वादिष्ट खाने का पूरा ध्यान रखती हैं।
इसके अलावा, बीर टैरेस आने वाले लोग यहाँ जंगल की हरियाली और खूबसूरत नज़ारों में लॉन्ग वॉक, हाईकिंग और ट्रेकिंग जैसी एडवेंचरस एक्टिविटीज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं। बीर टैरेस होमस्टे आज लोगों को सस्टेनेबल लिविंग के मायने सिखा रहा है।
दुष्यंत का यह ख़ास घर इस बात का उदहारण है कि ज़िंदगी में जब कोई प्लान काम न करे, तब भी कोई न कोई दरवाज़ा आपके लिए हमेशा खुला होता है।
संपादन- अर्चना दुबे
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