बनारसी पान तो पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन मद्रासी, कपूरी, सुहागपुरी, रामटेकी, महोवा पान भी कम नहीं। पान का पत्ता चखते ही उसकी क़िस्म के बारे में बता देने वाले महारथी भी देश में कम नहीं हैं। पान का यह पत्ता हमारे खान-पान और संस्कृति के ताने-बाने में कुछ इस तरह से रचा बसा है कि इसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल है। इसे हम आज भी वहीं पाते हैं, जहां यह सदियों पहले था।