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22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

By प्रीति टौंक

भागदौड़ से भरी जिंदगी में जहां लोग अपनों के लिए भी वक्त मुश्किल से निकाल पाते हैं। वहां पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी ने अपनी पूरी जिंदगी दुसरों के नाम कर दी है, वह पिछले 22 सालों से अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बेसहारा लोगों की जिंदगी को बेहतर करने में और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में लगा रहे हैं।

द बेटर इंडिया की कहानी का असर, गांव के एग्रो टूरिज्म से जुड़े 10 हज़ार किसान

By प्रीति टौंक

राजस्थान के एक छोटे से गांव में बने दो दोस्तों के एग्रो टूरिज्म को सफल बनाने में द बेटर इंडिया ने निभाई अहम भूमिका। एक तरफ यहां आने वाले मेहमानों की संख्या दुगुनी हो गयी है, वहीं ट्रेनिंग के लिए इनसे जुड़े देशभर के 10 हजार किसान।

इस गांव में सभी हैं Youtubers, कलेक्टर की मदद से खुला स्टूडियो भी 

By प्रीति टौंक

न सरकारी नौकरी का लालच, न किसी फैंसी प्राइवेट जॉब का शौक़, छत्तीसगढ़ के इस गांव में हर कोई तकनीक और सोशल मीडिया के दम पर बन रहा है आत्मनिर्भर। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस काम में स्थानीय प्रशासन भी दे रहा है इनका साथ।

कभी खुद जीना भूल चुके विवेक ने सिखाया 800 लोगों को फिर से जीना

By प्रीति टौंक

अपने इकलौते बेटे को खोने के बाद कभी खुद जीने की चाह खो चुके विवेक शर्मा आज अपने प्रयासों से 800 से ज़्यादा लोगों को जिन्दा रहना और जिंदगी से प्यार करना सीखा चुके हैं।

वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस से गृहिणी कमा रही महीना तीन लाख रुपये

By प्रीति टौंक

बीमारी में अपने पति को खोने के बाद असम की कनिका तालुकदार के ऊपर अचानक से चार महीने की बेटी की जिम्मेदारी आ गई। ऐसे मुश्किल समय में वह घर में रहकर ही काम करना चाहती थीं। जानिए कैसे एक छोटी सी ट्रेनिंग और अपने जज़्बे के दम पर उन्होंने खुद की जिंदगी ही बदल दी।

खुद दृष्टिहीन होकर भी सैकड़ों बच्चियों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी ला रहे हैं दत्तू

By प्रीति टौंक

गुलबर्गा, कर्नाटक के दत्तू अग्रवाल पिछले सात सालों से दृष्टिहीन बच्चियों के लिए एक आवासीय स्कूल चला रहे हैं।

बर्बाद हो रहे फलों से 12वीं पास युवक ने खड़ा कर दिया कारोबार, दिया 1200 महिलाओं को रोजगार

By प्रीति टौंक

मिलिए राजस्थान के रहने वाले राजेश ओझा से, जिन्होंने शहरी जीवन छोड़कर गांव में रहकर ही खड़ा किया शानदार रोजगार। जिसके ज़रिए आज वह कचरे में जा रहे फलों को बचाने के साथ-साथ गांव की 1200 महिलाओं को रोजगार भी दे पा रहे हैं।

भारत तब और अब! आज़ादी के 76 साल बाद जानिए किन क्षेत्रों में की कितनी तरक्की

By प्रीति टौंक

आज़ादी के समय हमारे देश में स्कूलों की संख्या महज एक लाख के करीब थी, जो अब बढ़कर 15 लाख से ज्यादा हो गई है। शिक्षा ही नहीं स्वास्थ्य, सड़क और व्यापर के क्षेत्र में भी देश ने खूब तरक्की की है, जानिए बीते 76 सालों में आए बदलाव की कहानी।